संबंधित खबरें
सीरिया के बाद इस मुस्लिम देश में मची तबाही, मंजर देख कांप गए मुसलमान, मौत के आकड़े जान उड़ जाएगा होश
कुवैत में पीएम मोदी को ऐसा क्या मिला जिससे दुश्मनों की उड़ी होश, 20वीं बार कर दिखाया ऐसा कारनामा..हर तरफ हो रही है चर्चा
दुनिया की सबसे महंगी करेंसी डॉलर नहीं, इस इस्लामिक देश की मुद्रा का पूरी दुनिया में बजता है डंका, वजह जान फटी रह जाएंगी आंखें
PM Modi के मजबूत नेतृत्व के सामने झुकी अमेरिका, बदलना पड़ा ये कानून, मुंह ताकते रह गए जिनपिंग-शहबाज
न अमेरिका, न यूरोप, 1 टीवी शो की वजह से रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ गई जंग, वो एक्टर जो आगे चलकर बना राष्ट्रपति और बर्बाद कर दिया अपना देश
दुश्मनों के बदले अपने ही लड़ाकू विमान पर दाग दिया गोला, अब दुनिया में बन रहा है मजाक, जाने जेट पायलटों का क्या हुआ हाल?
India News (इंडिया न्यूज), Iran Israel War: मीडिल इस समय जंग की आग में झुलसता जा रहा है। हमास-इजरायल से शुरु हुआ ये जंग अब कई देशों में तक पहुंच गया है। एक तरह से कह सकते हैं कि इस जंग में अभी तक इजरायल रुल कर रहा है। लेकिन अब इजरायल को इरान से पंगा लेना भारी पड़ सकता है। बता दें दोनों देशों के बीच दशकों पुरानी दुश्मन है जो अब एक बड़े जंग का रुप ले सकती है।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान कथित तौर पर इजरायल के खिलाफ एक मजबूत हमले की योजना बना रहा है और यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव यानी 5 नवंबर से पहले हो सकता है।
हालाकि अमेरिका ने ईरान से इजरायल पर दोबारा हमला न करने की अपील की है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरिन जीन-पियरे ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘ईरान को इजरायल की जवाबी कार्रवाई का जवाब नहीं देना चाहिए। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम इजरायल की खुद की रक्षा करने में मदद करेंगे।’
अमेरिका समेत दुनिया भर के देश ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव पर नज़र बनाए हुए हैं, क्योंकि अगर यह संघर्ष बढ़ता है, तो इससे मध्य पूर्व का राजनीतिक परिदृश्य बदल सकता है। ईरान और इजरायल के बीच सीधे युद्ध का मतलब है कि दुनिया के ज़्यादातर देश दो गुटों में बंट जाएंगे। जहां अमेरिका, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन जैसे देश इजरायल का समर्थन करेंगे, वहीं रूस, चीन और उत्तर कोरिया जैसे देश ईरान का समर्थन कर सकते हैं।
साथ ही, ईरान के संभावित हमले का समय बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका असर अंतरराष्ट्रीय संबंधों और अमेरिका में होने वाले चुनावों पर पड़ सकता है। जहां अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों पक्षों से संघर्ष से बचने के लिए संयम बरतने की अपील कर रहा है, वहीं मिस्र और कतर गाजा में युद्धविराम कराने की कोशिश कर रहे हैं। माना जा रहा है कि गाजा में युद्ध विराम और फिलिस्तीनियों पर हमलों में कमी से ईरान का गुस्सा कम हो सकता है। यह प्रयास ठीक वैसा ही है जैसा हमास प्रमुख इस्माइल हनीया की मौत के बाद ईरान और इजरायल के बीच तनाव कम करने के लिए किया गया था।
दरअसल, इजरायली हमले से पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अगर इजरायली हमले में ईरान में नागरिक मारे जाते हैं या ईरान के ऊर्जा ढांचे को नुकसान पहुंचता है तो तेहरान इजरायल पर एक हजार बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर सकता है। इसके अलावा ईरान खाड़ी शिपिंग को भी निशाना बना सकता है।
राम की नगरी अयोध्या में 500 वर्ष बाद दिखी त्रेता युग की झलक! दियों की रोशनी से जगमग हो गया आसमान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.