संबंधित खबरें
Trump के सिर चढ़ गया सत्ता का पावर, खा जाएंगे इन लोगों की नौकरी, लीक हुए इस प्लान ने देश में मचाई हलचल
भारत के खिलाफ बांग्लादेश चल रहा चाल! अब इस कारोबारी पर कार्रवाई करेगी यूनुस सरकार, जानिए शेख हसीना के किस फैसले की होगी समीक्षा
ड्रैगन ने फिर चली लोमड़ी चाल, पाकिस्तान के बाद भारत का यह भी पड़ोसी हुआ 'कंगाल', अब जिनपिंग के खिलाफ PM मोदी उठाएंगे ये कदम
हिजबुल्लाह के हमलों से दहला इजरायल, नेतन्याहू के दूतों से चुन-चुनकर बदला ले रहा इस्लामिक संगठन, अब क्या यहूदी देश देगा जवाब?
ब्रिटेन सरकार ने रूस को लेकर दुनिया को दी बड़ी चेतावनी…हिल गए सारे देश, अब होगा कुछ बड़ा
पाकिस्तान ने जारी किया तालिबानी फरमान, अब मोबाइल फोन पर भी इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे लोग, क्या है इसके पीछे का राज?
India News (इंडिया न्यूज), US Presidential Election 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अभी दो दिन और बचे हैं। 5 नवंबर से करीब 244 मिलियन मतदाता (24.4 करोड़) नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए वोट डालेंगे। इस बार मुकाबला डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच है। मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज कमला हैरिस के साथ उपराष्ट्रपति पद के लिए मैदान में हैं। तो वहीं दूसरी तरफ जेडी वेंस डोनाल्ड ट्रंप के साथ उपराष्ट्रपति की कुर्सी के लिए दावा पेश कर रहे हैं।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 5 नवंबर से अमेरिकी मतदाता राष्ट्रपति के लिए वोट डालेंगे। मतदान प्रक्रिया करीब 20 दिनों तक चलेगी। 17 राज्यों के लिए डाक से मतपत्र स्वीकार करने का आखिरी दिन 25 नवंबर है। इसके बाद 17 दिसंबर को निर्वाचक अपने-अपने राज्यों और वाशिंगटन डी.सी. में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मिलेंगे। 25 दिसंबर को सीनेट अध्यक्ष (जो वर्तमान में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस हैं) और पुरालेखपाल को 25 दिसंबर तक इलेक्टोरल वोट मिल जाने चाहिए। 6 जनवरी, 2025 को उपराष्ट्रपति कांग्रेस के संयुक्त सत्र में इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती की अध्यक्षता करते हैं और परिणामों की घोषणा करते हैं।
श्रीलंका ने किया कमाल, पाकिस्तान को हराकर जीता एचके 2024 का खिताब
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर से शुरू हो रहा है और वोटों की गिनती भी उसी दिन शुरू होगी, लेकिन अंतिम परिणाम आने में कई दिन लग सकते हैं। अमेरिकी मतदाताओं को अंतिम परिणाम तब तक पता नहीं चलेगा जब तक कि उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस या रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प अधिकांश राज्यों, विशेष रूप से तथाकथित स्विंग राज्यों में महत्वपूर्ण जीत हासिल नहीं कर लेते। यदि जीत में कोई बड़ा अंतर नहीं है, तो विवादित परिणामों को पुनर्गणना के साथ हल करने में कई दिन या सप्ताह भी लग सकते हैं।
इस बार विवाद की संभावना है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप फिर से मैदान में हैं। ट्रंप ने 2020 में राष्ट्रपति जो बाइडेन की जीत और चार साल बाद भी अपनी हार को स्वीकार नहीं किया है। अगर ट्रंप हारते हैं तो वे निश्चित रूप से कानूनी लड़ाई का रास्ता अपनाएंगे और शायद हैरिस भी क्योंकि विजेता का फैसला कुछ सौ या उससे भी कम वोटों से हो सकता है। दोनों के पास वकीलों की फौज तैयार है।
BJP नेता के सामने नतमस्तक हुए CM नीतीश कुमार, वीडियो देखकर सियासी गलियारों में मची हलचल
अमेरिका में मतदाता सीधे राष्ट्रपति का चुनाव नहीं करते हैं। राष्ट्रपति का चुनाव 538 इलेक्टोरल कॉलेज करते हैं। जीतने के लिए उम्मीदवार को बहुमत हासिल करना होता है- 270 या उससे ज्यादा इलेक्टोरल कॉलेज। इसलिए, उम्मीदवार को लोकप्रिय वोटों का बहुमत मिल सकता है, लेकिन फिर भी अगर वह इसे इलेक्टोरल कॉलेज के बहुमत में नहीं बदल पाता है तो वह हार सकता है। 2016 में डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन ने ट्रंप से करीब 3 मिलियन ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन वे चुनाव हार गईं, क्योंकि ट्रंप ने 306 इलेक्टोरल कॉलेज जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया था।
हम आपको बतातें चलें कि, अंतिम फैसला उन सात राज्यों से आएगा, जहां किसी भी पार्टी के पास तय बहुमत नहीं है और चुनाव किसी भी तरफ जा सकता है। इन राज्यों में कुल 93 इलेक्टोरल वोट हैं। अमेरिका के नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी, 2025 को होगा।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.