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India News (इंडिया न्यूज), Israel Iran War: ईरान-इजराइल युद्ध में काफी चौंकाने वाला अपडेट सामने आया है, जिससे ईरान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई चाहते थे कि मुस्लिम देश उनकी मदद करें। हमास और हिजबुल्लाह को हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराएं। लेकिन अब मुस्लिम देशों ने भी हमास से दूरी बनानी शुरू कर दी है। कतर ने साफ कह दिया है कि हमास एक आतंकी समूह है और उसकी मदद नहीं कर सकता। सऊदी अरब समेत कई दूसरे देश पहले ही उनसे दूरी बना चुके हैं।जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक कतर ने हमास को साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह से उनकी मदद नहीं कर सकता।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कतर के नेताओं से मुलाकात की थी। इसके बाद कतर ने यह फैसला लिया है। मामले से जुड़े सूत्रों ने KAN को बताया कि कतर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कतर बंधकों की रिहाई चाहता है। इसके लिए वह बातचीत के लिए भी तैयार है। लेकिन मिस्र के सूत्रों ने लेबनानी अखबार अल-अखबार को बताया कि कतर के नेताओं ने 5 नवंबर को हमास के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की थी। जिसमें यह संदेश दिया गया था।
कतर और मिस्र युद्ध को रोकने के लिए काफी प्रयास कर रहे थे। वे शांति वार्ता में भी शामिल थे। लेकिन हमास ने उनकी सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया। जब भी ऐसा लगा कि वार्ता होने वाली है, बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा और युद्ध रुक जाएगा, तब हमास के नेताओं ने अड़चनें खड़ी कर दीं। उन्होंने नई शर्तें रख दीं। इस वजह से कतर खुद को असहाय महसूस कर रहा था। यही वजह है कि उसने हमास से दूरी बना ली है।
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संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें कहा गया है कि गाजा में युद्ध के कारण मरने वालों में करीब 70% महिलाएं और बच्चे थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इजरायली सेना ने घनी आबादी वाले इलाकों में बम गिराए। हालांकि, कुछ मौतें हमास के हमलों के कारण भी हो सकती हैं, क्योंकि उनके कई बम इसी इलाके में गिरे थे। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने कहा कि उसने नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक गाजा में मारे गए 8,119 लोगों की जांच की है। इसमें पाया गया कि मरने वालों में 44 प्रतिशत बच्चे और 26 प्रतिशत महिलाएं थीं। मरने वाले ज्यादातर बच्चे पांच से नौ साल के बीच के थे।
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