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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा ज्यादा होने से डायबिटीज यानि मधुमेह रोग हो जाता है। ये दो प्रकार के होते हैं। पहला टाइप-1 इसमें व्यक्ति को डायबिटीज रोग अनुवांशिक तौर पर होती है। जबकि टाइप-2 में बहुत अधिक फैट, हाई बीपी, कम सोने, बहुत अधिक नशा करने और लाइफस्टाइल में सही चीजों के शामिल न होने से होती है। समय रहते इस पर ध्यान न दिए जाने से ये शरीर के दूसरे अंगों के लिए खतरा बन सकती है। इससे कई घातक रोग हो सकते हैं। मेडिकल साइंस के अनुसार उच्च रक्त शर्करा का स्तर स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। इसे हाइपरग्लेसेमिया के रूप में जाना जाता है। इसे नियंत्रण में लाने के लिए खाने पीने से लेकर पूरी दिनचर्या में बदलाव करना बेहद जरूरी है।
ब्लड शुगर स्तर ज्यादा होने से तंत्रिका तंत्र को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। इससे बालों का झड़ना, ठंडे पैर और नसों की ब्लॉकेज आदि दिक्कतें हो सकती हैं। मधुमेह के रोगियों में उच्च रक्त शर्करा से मांसपेशियों के अकड़न व टूटने का डर रहता है। इससे अंग कमजोर हो जाते हैं और टूटने का डर रहता है। इन रोगियों में घाव और अल्सर भी विकसित हो सकते हैं। शुगर पेंशेंट में ये घाव जल्दी भरते नहीं हैं। उच्च रक्त शर्करा के रोगियों को आंखों से संबंधित दिक्कतें हो सकती हैं। यदि आपके ब्लड शुगर का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है, तो धुंधली दृष्टि, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और अन्य समस्याएं विकसित हो सकती हैं, इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करें और संतुलित भोजन लें।
डायबिटीज के मरीजों को कब्ज और दस्त जैसी पाचन समस्याएं भी हो सकती हैं। इससे खाना पचने में देरी और गैस आदि तकलीफ भी हो सकती है। मधुमेह रोगियों में त्वचा और योनि संक्रमण विकसित हो सकते हैं। इनसे शरीर में एक तनाव की स्थिति पैदा होती है। ऐसे में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जो हार्मोन को स्रावित करती है वो इंसुलिन बनाना बंद कर देती हैं। इससे ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर और बढ़ जाता है।
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