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India News Bihar(इंडिया न्यूज़), Bihar Teacher: सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए नित नए नियम व कानून ला रही है। लेकिन विभागीय अधिकारी ही शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला सोमवार को करीब 11:15 बजे जयनगर नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड संख्या 12 मुकरी टोल स्थित राजकीय प्राथमिक अनुसूचित जाति विद्यालय में देखने को मिला। जहां शिक्षकों के अभाव में रसोइया को विद्यालय में ताला जड़ना पड़ा। सरकार ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रत्येक भारतीय के लिए शिक्षा अनिवार्य कर दिया है। लेकिन शिक्षा व्यवस्था को ठप कर बच्चों के भविष्य पर ताला जड़ दिया गया है। मामले को लेकर जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पूनम राजीव से मोबाइल फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र के मुकरी टोल स्थित राजकीय प्राथमिक अनुसूचित जाति विद्यालय में पिछले कई महीनों से मात्र एक शिक्षक ही वर्ग पांच तक की शिक्षा व्यवस्था देख रहे हैं। इस अवधि में शिक्षक को कार्यालय संबंधी कार्य हेतु कहीं न कहीं जाना पड़ता है। वर्तमान में उक्त विद्यालय में कार्यरत शिक्षक अजीत कुमार ने सोमवार से बुधवार तक आकस्मिक अवकाश के संबंध में शुक्रवार को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पत्र दिया है।
इसके बावजूद भी शिक्षा विभाग द्वारा पठन-पाठन व्यवस्था को संचालित करने के लिए शिक्षकों की पदस्थापना नहीं की गई है। उक्त विद्यालय में वर्ग एक से पांच तक करीब 297 बच्चे नामांकित हैं। शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने विद्यालय पर नहीं बल्कि दर्जनों बच्चों के भविष्य पर ताला लगाने का काम किया है।
बता दें, मामले में अभिभावकों का कहना है कि स्थानीय शिक्षा अधिकारी दलित बस्ती में स्थित विद्यालय के साथ भेदभाव कर रहे हैं। अधिकारी बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल रहे हैं। वहीं, पूछे जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव रंजन कुमार ने कहा कि मामला गंभीर है। शिक्षा अधिकारी को संज्ञान लेना चाहिए। मामले की जांच कर दोषी व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी।
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