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India News (इंडिया न्यूज), Mumbai Terror Attack: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आज ही के दिन 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए आतंकियों ने हमला बोल दिया था। लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल और कई अन्य जगहों पर हमला किया। इस हमले में 166 लोग मारे गए। हमले में शामिल 9 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया, सिर्फ अजमल आमिर कसाब ही जिंदा पकड़ा गया आतंकी था। भारत के खिलाफ इतनी बड़ी साजिश को कैसे अंजाम दिया गया, इसकी कहानी कसाब ने खुद बताई।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के फरीदकोट के दीपालपुर का रहने वाला अजमल कसाब चौथी क्लास तक पढ़ा था। कसाब ने अपनी मां का नाम नूर इलाही और पिता का नाम आमिर बताया था। उसके पिता दही बड़े बेचते थे। उसके बड़े भाई का नाम अफजल और छोटे भाई का नाम मुनीर है। कसाब ने चौथी क्लास तक उर्दू में पढ़ाई की थी। कसाब ने जब साल 2000 में स्कूल छोड़ा तो गरीबी ने उसे मजदूरी करने पर मजबूर कर दिया था।
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कसाब जब आतंकी ट्रेनिंग कैंप में था, तब पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या की चर्चा हो रही थी. यानी दिसंबर 2007 में उसकी ट्रेनिंग शुरू हुई। कसाब को मनसेहरा के बेताल गांव में करीब 25 लड़कों के साथ आतंकी ट्रेनिंग दी गई। 3 महीने बाद इस ऑपरेशन के इंचार्ज अबू इस्माइल को मुंबई हमले से करीब एक महीने पहले कसाब से मिलवाया गया। दोनों से कहा गया, ‘अब तुम्हारे इम्तिहान का वक्त आ गया है।’ उन्हें एक सीडी दिखाई गई और टारगेट के बारे में जानकारी दी गई।
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अजीजाबाद के पास कसम गांव से समुद्र के रास्ते आतंकी साजिश को अंजाम देने के मिशन पर लश्कर के दस आतंकी निकले थे। आधी यात्रा नाव से पूरी की गई, जिसके बाद ये सभी आतंकी दो-दो के ग्रुप में बंट गए और डिंगी की मदद से मुंबई के किनारे मछुआरों की बस्ती में उतरे। कसाब के साथ इस्माइल नाम का एक और आतंकी भी था। दोनों ने सीएसटी स्टेशन के लिए टैक्सी ली। हर आतंकी के पास आठ हैंड ग्रेनेड और एक एके-47 राइफल थी। फिर 26 नवंबर की रात करीब 8 बजे मुंबई में सबसे बड़ा आतंकी हमला शुरू हुआ। जो अगले तीन दिनों तक जारी रहा।
इन्वेस्टिगेशन के दौरान कसाब ने बताया था कि, मुंबई हमले के दिन उसने दो से ढाई मैगजीन खाली कर दी थीं। उसने कहा, ‘मुझे कहा गया था कि जब तक मैं जिंदा हूं, लोगों को मारता रहूंगा। लेकिन हम भी इंसान हैं, दोस्त।’ यह कहते हुए कसाब फूट-फूट कर रोने लगा। मुंबई में निर्दोष लोगों की हत्या करने के बाद कसाब को अपने किए पर पछतावा हुआ। उसने बताया कि जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो करीब एक घंटे बाद वह खूब रोया। उसने कहा कि मैंने बहुत गलत काम किया। एक अन्य बयान में कसाब ने कहा था, ‘अल्लाह मुझे इस हरकत के लिए कभी माफ नहीं करेगा।’
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