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India News (इंडिया न्यूज), Bangladeshi Hindu News: बांग्लादेश के चंटगांव में मंगलवार (26 नवंबर, 2024) को एक अदालत के बाहर गिरफ्तार हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। माना जा रहा है कि सैकड़ों लोग, जो मुख्य रूप से हिंदू समुदाय से थे, राजद्रोह के मामले में पूर्व इस्कॉन नेता की गिरफ्तारी के विरोध में अदालत परिसर के बाहर एकत्र हुए थे। दोपहर के समय अशांति तब शुरू हुई जब अदालत ने चिन्मय कृष्ण दास को ज़मानत देने से इनकार कर दिया, जो बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता भी हैं।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने पुजारी को ले जा रही जेल वैन को रोक दिया। लगभग तीन घंटे के गतिरोध के बाद अदालत परिसर के बाहर हिंसा भड़क उठी, जिसमें पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, ध्वनि ग्रेनेड दागे और प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चलाईं। हिंसा में एक व्यक्ति के मारे जाने की आशंका है, हालाँकि, आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
चंदन कुमार धर, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। उनको चटगांव में दर्ज राजद्रोह के मामले में सोमवार दोपहर ढाका हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। हिंदू पुजारी और 18 अन्य के खिलाफ मामला बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के एक स्थानीय नेता ने दर्ज कराया था, जिसे बाद में पार्टी से निकाल दिया गया था। पुजारी को दिन में चटगाँव छठे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया और बुधवार सुबह फिर से उसकी जमानत पर सुनवाई तय की।
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चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी दक्षिण एशियाई देश में अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर तनाव के बीच हुई, जहां पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से व्यापक राजनीतिक हिंसा देखी गई है। बांग्लादेश की 170 मिलियन आबादी में हिंदुओं की संख्या लगभग 8 प्रतिशत है। पूर्व पीएम शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली नई सैन्य समर्थित अंतरिम सरकार को अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि को रोकने में विफल रहने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले, भारत ने भी हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी की निंदा की थी। एक बयान में, विदेश मंत्रालय (MEA) ने बांग्लादेशी अधिकारियों से हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
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