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India News (इंडिया न्यूज), Operation Nanhe Farishtey: रेलवे पुलिस फोर्स के जवान गोरखपुर जंक्शन से रवाना होने वाली ट्रेन में नियमित गश्त कर रहे थे। अपनी रात्रि ड्यूटी के तहत हर कोच की जांच कर रहे थे। वहीं जब वे शौचालय के पास से गुजरे, तो उन्हें अंदर से अजीब सी आवाज सुनाई दी।जिसके बाद आरपीएफ के जवान हैरान होकर शौचालय के पास पहुंचे और देखा कि दरवाजा अंदर से बंद था। खटखटाने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। कई बार कोशिश करने के बाद उन्होंने दरवाजा खोला और अंदर दो बच्चों को बंद देखकर चौंक गए। वहीं बच्चे अपने परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे पाए, उन्होंने सिर्फ इतना बताया कि कोई उन्हें यहां लेकर आया था। उनके मिलने की जानकारी तुरंत आरपीएफ और रेलवे अधिकारियों को दी गई, जिन्होंने जरूरी कदम उठाए।
बता दें कि, भारतीय रेलवे बच्चों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और बच्चों को बचाने के लिए ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ नाम से अभियान चलाती है। इस अभियान का उद्देश्य आरपीएफ कर्मियों द्वारा स्टेशनों और ट्रेनों का निरीक्षण करके अपहृत बच्चों को छुड़ाना है। फिर बरामद बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति को सौंप दिया जाता है। दरअसल, पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच आरपीएफ ने पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों और ट्रेनों से 644 संकटग्रस्त बच्चों को सफलतापूर्वक बचाया।
दरअसल, ऑपरेशन ‘नन्हे फरिश्ते’ ने कई बच्चों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2023-24 में पूर्वोत्तर रेलवे पर 368 बच्चों को बचाया गया। अक्टूबर 2024 तक यह संख्या बढ़कर 644 हो गई है, जिसमें 433 लड़के और 211 लड़कियों को बचाया गया है। इन बच्चों में भागे हुए, लापता, अलग हुए, बेसहारा, अपहृत, मानसिक रूप से परेशान और बेघर बच्चे शामिल हैं। बाल संरक्षण में और सहायता के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्पडेस्क उपलब्ध हैं।
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