संबंधित खबरें
प्रयागराज में हिंदुओं के लिए बसाया जाएगा नया शहर! 18 फुट ऊपर से स्वर्ग सा दिखेगा महाकुंभ का नजारा, डिटेल सुनकर रह जाएंगे हैरान
घर में बिल्ली का आना होता है शुभ या अशुभ? जानें सब कुछ
दूसरों के यहां से अपने घर कतई ना लाएं ये 3 चीजें, तबाह हो जाएगा परिवार का हर सदस्य, गिफ्ट मिले तो तुरंत फेकें
रावण ने अपने वध से पहले मंदोदरी कह दी थी ऐसी बात, आज भी इस बात से किया जाता है याद, जानें क्या है वो कहानी
दिल्ली की इस जगह पर 68 सालों से गूंज रही है हिंदू संत की आवाज, यहां नॉनवेज खाया तो होगा ऐसा हाल, याद रखेंगी 7 पुश्तें
प्रयागराज 2025 में लगेगा कौन-सा कुंभ? क्या आपको भी हो रही है कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ या महाकुंभ के बीच ये कन्फ्यूज़न
India News (इंडिया न्यूज), Rahu Ketu Ki Pahchan: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को पाप ग्रहों में गिना जाता है। ये दोनों ग्रह शनि देव के अनुयायी माने जाते हैं और कुंडली में जहां भी स्थित होते हैं, वहां विशेष प्रभाव डालते हैं। राहु को सिर और केतु को धड़ माना जाता है। राहु बुद्धि को भ्रमित करता है, जबकि केतु व्यक्ति को बिना सोचे-समझे कार्य करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे कई बार हानि उठानी पड़ती है। राहु का संबंध ज्ञानेन्द्रियों से और केतु का संबंध कर्मेन्द्रियों से होता है। राहु की देवी माता सरस्वती हैं, जबकि केतु के देवता भगवान गणेश माने जाते हैं।
राहु और केतु को ज्योतिष में एक पुलिस अधिकारी की भूमिका दी गई है। वे शनि देव के आदेश पर व्यक्ति को उसके कर्मों का फल प्रदान करते हैं। राहु का रंग काला और केतु का रंग सफेद माना जाता है। कुंडली में राहु की प्रतिकूल स्थिति होने पर अप्रत्याशित घटनाएं, भय और नकारात्मक विचार व्यक्ति को घेर लेते हैं। इसके विपरीत, शुभ स्थिति में राहु अचानक धन लाभ, राजनीतिक सफलता और प्रशासनिक क्षेत्रों में तरक्की दिलाता है। वहीं, केतु की प्रतिकूल स्थिति व्यक्ति को जेल जाने या सड़क पर भटकने की स्थिति में डाल सकती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गले के ऊपर की बीमारियों के लिए राहु जिम्मेदार होता है। राहु सिर और जबड़े को प्रभावित करता है, जबकि केतु रीढ़ की हड्डी, गुर्दे, घुटनों और जोड़ों पर प्रभाव डालता है।
राहु और केतु का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में गहरा होता है। ये ग्रह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से लेकर सामाजिक जीवन तक हर पहलू को प्रभावित करते हैं। उचित ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर इन ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। नियमित पूजा-पाठ और सत्कर्मों के माध्यम से राहु और केतु के अशुभ फलों से मुक्ति पाई जा सकती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.