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India News (इंडिया न्यूज), Aids to be End: एड्स का दंश शारीरिक रूप से जितना बड़ा है, उससे कहीं ज्यादा सामाजिक रूप से है। आज भी अगर किसी को एचआईवी एड्स हो जाता है तो उसे बहुत बुरी नजर से देखा जाता है। लेकिन अब इस दंश का कोई निशान नहीं मिट पाएगा। दवा निर्माता कंपनी गिलियड ने एक ऐसा टीका तैयार किया है जिसे साल में दो बार लेने से एड्स का खात्मा हो जाता है।
महिलाओं पर किए गए ट्रायल में यह 100 फीसदी सफल रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि पुरुषों पर भी इसका कुछ ऐसा ही असर होगा। कंपनी का मानना है कि यह इंजेक्शन एचआईवी से बचाव में 100 फीसदी कारगर है और अगर इसे पूरी दुनिया में लगाया जाए तो बहुत जल्द दुनिया से एड्स का खात्मा हो जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों के तहत 2030 तक पूरी दुनिया से एड्स एचआईवी को खत्म करने का संकल्प भी लिया गया है।
दवा निर्माता कंपनी गिलियड ने बताया कि यह वैक्सीन बहुत सस्ती होगी और इसका जेनेरिक वर्जन भी उपलब्ध होगा। इसे करीब 120 गरीब देशों में भेजा जाएगा जहां एचआईवी की दर बहुत ज्यादा है। इसमें लैटिन अमेरिकी देश भी शामिल हैं जहां आजकल एचआईवी की दर बढ़ गई है। एड्स पर यूनाइटेड नेशन की कार्यकारी निदेशक विनी ब्यानयिमा का कहना है कि यह खोज अभूतपूर्व है। एड्स के लिए जो वैक्सीन तैयार की गई है, उतनी कारगर कोई दूसरी दवा नहीं है।
विनी ब्यानयिमा ने इसके लिए गिलियड कंपनी को बधाई दी है और कहा है कि दुनिया में एड्स को खत्म करने की क्षमता है, बस जरूरत है। कंपनी की एचआईवी संक्रमण की दवा लेनाकापाविर पहले से ही अमेरिका, कनाडा और यूरोप में सनलेंका नाम से बेची जा रही है। अब इसे अन्य देशों में मंजूरी मिलने का इंतजार है। नई दवा साल में दो बार इंजेक्शन के रूप में दी जाएगी। इसलिए यह गरीब देशों के लिए काफी मददगार साबित होगी क्योंकि वहां लोग सेक्स करते समय ज्यादा सावधानी बरतने में लापरवाही बरतते हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक पूरी दुनिया से एड्स को खत्म करने का संकल्प लिया है। पूरी दुनिया से एचआईवी संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी दुनिया में 3.99 करोड़ लोग एचआईवी से पीड़ित हैं। वहीं, एचआईवी और एड्स के कारण 6.30 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी एचआईवी मरीजों की संख्या में 44 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि, इसके बावजूद पिछले साल भारत में हर दिन 185 भारतीयों को एचआईवी संक्रमण हुआ।
इसका मतलब यह है कि पिछले साल भी भारत में 67525 लोग एचआईवी से संक्रमित हुए। एड्स एचआईवी संक्रमण का आखिरी चरण है। जब एचआईवी संक्रमण होता है, तो यह चार चरणों से गुजरते हुए एड्स तक पहुंचता है। आखिरी चरण को एड्स कहते हैं, जिसका इलाज बहुत मुश्किल है, लेकिन एचआईवी 100 फीसदी ठीक हो सकता है। इसलिए मरीज को इसमें देरी नहीं करनी चाहिए। इसकी दवा आ गई है और इसका इलाज बहुत सरल है। रोजाना सिर्फ एक गोली लेने से पूरा शरीर स्वस्थ रहता है।
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