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India News (इंडिया न्यूज), Vinod Kambli Pension: पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली एक समय अपने खेल के दम पर क्रिकेट की दुनिया में अच्छा नाम कमा रहे थे। उस समय उनके पास न तो शोहरत की कमी थी और न ही दौलत की। उनके टेस्ट करियर की शुरुआत भी इतनी जोरदार रही, जिसका सपना हर बल्लेबाज देखता है। उन्होंने अपने पहले सात टेस्ट मैचों में दो दोहरे शतक जड़े, जहां उनका औसत 100 से ऊपर था। उन्होंने इन सात मैचों में 793 रन बनाए और इस दौरान उन्होंने औसत के मामले में महान डॉन ब्रैडमैन को भी पीछे छोड़ दिया। लेकिन इसके बाद कहानी पूरी तरह बदल गई और वह महज कुछ सालों में ही ऊंचाइयों से फर्श पर आ गए।
कहा जाता है कि कांबली की नेटवर्थ कभी 20 करोड़ के आसपास थी, लेकिन अब कहानी पूरी तरह बदल चुकी है। हालात ऐसे हैं कि अपने जमाने का यह दिग्गज बल्लेबाज आज दाने-दाने को मोहताज हो गया है। आज न तो उनका शरीर उनका साथ दे रहा है और न ही उनके पास इलाज के लिए पर्याप्त पैसे हैं। कांबली की आय का एकमात्र जरिया फिलहाल बीसीसीआई से मिलने वाली मासिक पेंशन है, जहां उन्हें बोर्ड से हर महीने तीस हजार रुपये मिलते हैं।
1993 में भारत के लिए डेब्यू करने वाले कांबली का अंतरराष्ट्रीय करियर बेहद छोटा रहा। उन्होंने अपने करियर में सिर्फ 17 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 54.2 की शानदार औसत से 1084 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से तीन अर्धशतक, चार शतक और दो दोहरे शतक निकले। उन्होंने देश के लिए 104 वनडे मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 32.59 की औसत से 2477 रन बनाए। इसमें दो अर्धशतक और दो शतक शामिल हैं।
कांबली हाल ही में अपनी बिगड़ती सेहत के कारण चर्चा में आए थे। अपने और सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर की विरासत को याद करने के लिए मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान वह बेहद दुबले-पतले नजर आए। इस दौरान वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहे थे। उनकी हालत ने कई भारतीय प्रशंसकों का ध्यान खींचा, जो उनके लिए चिंतित हो गए। कांबली को इस हालत में देखकर 1983 विश्व कप जीतने वाली टीम भी उनकी मदद के लिए आगे आई।
कपिल देव ने उनके बारे में कहा, ‘हम सभी को उनका साथ देने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन हमसे ज़्यादा उन्हें खुद का ख्याल रखना है। अगर कोई व्यक्ति खुद का ख्याल नहीं रख सकता, तो हम भी उसका ख्याल नहीं रख सकते। हमने जो देखा है, उससे सभी क्रिकेटर बहुत दुखी हैं। मैं चाहता हूं कि उनके सबसे करीबी दोस्त उनकी मदद करें ताकि वह अपना ख्याल रख सकें और रिहैब में वापस जा सकें।’
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