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India News (इंडिया न्यूज),Voilence Against Hindu In Banglsdesh : बांग्लादेश में शेख हसीना के जाने के बाद से वहां पर हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा काफी ज्यादा बढ़ गई है। मोहम्मद यूनुस की आंखों के सामने कट्टरपंथि हिंदू समाज पर लगातार हमले कर रहे हैं। इसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी, मगर ढीठ बांग्लादेश अब तक चुप रहा। नई दिल्ली की तरफ से इस मुद्दे को कई बार यूनुस सरकार के सामने रखा जा चुका है। उसके बाद भी हिंदू समाज की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। लेकिन अब जब भारत सरकार की तरफ से सख्ती दिखाई गई, तब जाकर बांग्लादेश के मुह से सच निकला है। यूनुस सरकार ने माना है कि हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं उनके आने के बाद सामने आई हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बांग्लादेश ने मंगलवार को स्वीकार किया कि अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाए जाने के बाद अल्पसंख्यकों, मुख्य रूप से हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा की 88 घटनाएं हुईं।
लेकिन इसके बाद भी बांग्लादेश सरकार को कोई पछतावा होते हुए दिख नहीं रहा है। उल्टा यूनुस सरकार अपनी पीठ थपथपाने में लगी हुई है। अब बांग्लादेश की यूनुस सरकार अपने एक्शन की वाहवाही कर रही है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि इन घटनाओं में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
काफी समय से भारत सरकार मोहम्मद यूनुस के सामने हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हो रही हिंसा का मुद्दा रख रहा था, लेकिन जब पानी सिर के ऊपर निकल गया तब नई दिल्ली ने मोहम्मद यूनुस के सामने खख्त भाषा में मुद्दा उठाया। इसके बाद जाकर बांग्लादेश ने मंगलवार को सच स्वीकार। ये सच ऐसे समय में आया है जब भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बांग्लादेशी नेतृत्व के साथ बैठक के दौरान अल्पसंख्यकों पर हमलों की अफसोसजनक घटनाओं को उठाया था और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित भारत की चिंताओं से अवगत कराया था। आलम ने संवाददाताओं को बताया कि पांच अगस्त से 22 अक्टूबर तक अल्पसंख्यकों से संबंधित घटनाओं में कुल 88 मामले दर्ज किए गए हैं।
मीडिया से बात करते हुए प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि, मामलों और गिरफ्तारियों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि पूर्वोत्तर सुनामगंज, मध्य गाजीपुर और अन्य क्षेत्रों में भी हिंसा के नए मामले सामने आए हैं।’ उन्होंने कहा कि ऐसे मामले भी हो सकते हैं जहां कुछ पीड़ित पिछली सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य रहे हों। वहीं मोहम्मद यूनुस के आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते पूरी तरह से तल्ख हो चुके हैं। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश अब भारत से दुश्मनी मोल रहा है। यही वजह है कि तनाव अब चरम पर है।
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