संबंधित खबरें
हाथों से दीपक जला देने वाले वो सियाराम बाबा, केतली में कभी खत्म नहीं होने देतेथे चाय, लेकिन उनकी इस एक बात से आज भी है आप अनजान?
Today Horoscope: इन 3 राशियों के लिए बेहद ही शुभ होगा आज का दिन, नौकरी से लेकर निजी रिश्तों तक हर चीज में मिलेगी खुशखबरी
घर के बीचों-बीच रख दी जो ये चीज तो कभी नही आएगी कंगाली, अपने आप कदम छुएगी तरक्की!
अगर आप भी सुबह-सुबह पूजा के बाद करते हैं आरती तो हो जाए सावधान, भूलकर भी कर दी ये गलती तब भगवान भी नहीं करेंगे माफ
इन 3 राशियों की चमकने वाली है किस्मत, मोक्षदा एकादशी पर बनने जा रहा शुभ संयोग, भूल जाएंगे सारे पूराने कष्ट!
नीम करोली बाबा के बताए वो 3 उपाय, जो यूं बना देंगे आपको अमीर, किसा चमत्कार से कम नहीं!
India News (इंडिया न्यूज), Shiva Paravati Third Son: वामन पुराण में शिव के राक्षस पुत्र अंधक का उल्लेख मिलता है। कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव काशी में ध्यान में बैठे थे, तभी पीछे से देवी पार्वती आईं और अपने दोनों हाथों से उनकी आंखों को ढक दिया। देवी के ऐसा करते ही पूरी धरती, ब्रह्मांड अंधकार में डूब गया। तब संसार को बचाने के लिए भगवान शिव ने अपनी तीसरी आंख खोली, जिसके बाद पूरा संसार फिर से प्रकाश में डूब गया।
ऐसा करके भोलेनाथ ने संसार को बचा लिया, लेकिन उनकी तीसरी आंख की रोशनी से उत्पन्न गर्मी से माता पार्वती को पसीना आ गया। पसीने की इन बूंदों से एक बालक का जन्म हुआ, जो भयानक चेहरे वाला राक्षस जैसा दिखता था। जब देवी ने भोलेनाथ से उस बालक के जन्म का कारण पूछा, तो भगवान ने उन्हें बताया कि वह उनका पुत्र है। उस बालक का जन्म अंधकार के कारण हुआ था, इसलिए उसका नाम अंधक रखा गया।
मोक्षदा एकादशी पर मृत्यु चुनने वाले कौन थे बाबा सियाराम? भक्तिमार्ग में कैसे हो गए इतने प्रसिद्ध?
मान्यता के अनुसार हिरण्यकश्यप ने नया पुत्र पाने के उद्देश्य से शिव की आराधना की, जिससे प्रसन्न होकर महादेव ने उसे अपना पुत्र ‘अंधक’ उपहार में दिया। अंधक का पालन-पोषण राक्षसों के बीच हुआ, बाद में उसे राक्षस राजा भी कहा जाने लगा। अंधक बहुत बलवान और शक्तिशाली था, लेकिन वह और अधिक शक्तिशाली बनना चाहता था। अपनी इच्छा पूरी करने के लिए उसने ब्रह्मा जी की तपस्या की और उनसे यह वरदान प्राप्त किया कि उसकी मृत्यु तभी होगी, जब वह अपनी माता पर बुरी नज़र डालेगा।
क्रिसमस पार्टी में लगना है अलग तो जरूर ट्राई करें ये ड्रेस
अंधक जो अपने जैविक माता-पिता को पूरी तरह भूल चुका था, बहुत बलवान और तीनों लोकों का राजा बनकर उभरा। वह इस ब्रह्मांड की सबसे सुंदर स्त्री से विवाह करना चाहता था, जब उसे पता चला कि वह स्त्री देवी पार्वती हैं, तो वह विवाह का प्रस्ताव लेकर उनके पास गया। देवी पार्वती क्रोधित हो गईं और उसके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। जब अंधक ने उसे जबरन ले जाने की कोशिश की तो पार्वती माता की पुकार सुनकर भोलेनाथ वहां प्रकट हुए और अंधक का वध कर दिया। कई कथाओं में अंधक को ऋषि कश्यप और माता दिति का पुत्र भी बताया गया है, जिसका पालन-पोषण स्वयं महादेव ने किया था।
साल 2025 में 4 सूर्य और चंद्र ग्रहण, जानें क्या होगी तारीख और किन लोगों पर पड़ेगा इसका सीधा प्रभाव?
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.