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India News (इंडिया न्यूज),Atul Subhash: बिहार के समस्तीपुर के अतुल सुभाष और यूपी के जौनपुर की निकिता सिंघानिया… दोनों की मुलाकात साल 2019 में एक मैट्रिमोनियल साइट पर हुई थी. निकिता ने बीटेक कंप्यूटर साइंस और एमबीए फाइनेंस की पढ़ाई की थी. अतुल पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. जब रिश्ता तय हुआ तो निकिता के घरवालों ने कहा कि हम जल्दी शादी करना चाहते हैं. वजह थी निकिता के पिता की तबीयत. वो काफी बीमार रहते थे. इसलिए वो चाहते थे कि उनके रहते उनकी बेटी की शादी जल्दी हो जाए. वाराणसी के एक होटल में दोनों की शादी हुई. फिर निकिता अपने ससुराल आ गई. अतुल (Atul Subhash Suicide Case) के चचेरे भाई के मुताबिक निकिता (Nikita Singhania) सिर्फ दो दिन ससुराल में रही. फिर वो अपने पति के साथ बेंगलुरु चली गई. शुरुआत में तो सब ठीक रहा. लेकिन बच्चा होने के बाद दोनों के बीच झगड़े होने लगे. निकिता अपने बेटे व्योम को लेकर जौनपुर स्थित अपने मायके भी आ गई.
यहां आने के बाद भी उनके रिश्ते ठीक नहीं हुए. इसके बाद निकिता ने जौनपुर में अतुल और उसके परिवार के खिलाफ 9 मुकदमे दर्ज कराए। 6 निचली अदालत में और तीन हाईकोर्ट में, जिसके चलते उसे कई बार जौनपुर जाना पड़ा। अपने 24 पन्नों के सुसाइड नोट में अतुल सुभाष ने उत्पीड़न का जिक्र करते हुए लिखा कि दहेज का मुकदमा दर्ज होने के बाद वह बेंगलुरु से, उसका छोटा भाई दिल्ली से और उसके बूढ़े माता-पिता बिहार से करीब 120 बार जौनपुर कोर्ट गए। अतुल ने कहा कि जिस व्यक्ति को साल में सिर्फ 23 छुट्टियां मिलती हैं, उसे 40 बार व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना पड़ता है।
सुभाष ने अपनी जान देने से पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो में कहा, ‘2022 से चीजों को संभालना मेरे बस से बाहर हो गया था। उसने एक मामला हत्या का, दूसरा दहेज उत्पीड़न का और तीसरा अप्राकृतिक यौन संबंध का दर्ज कराया था। हालांकि, कुछ मामलों को उसकी पत्नी ने वापस ले लिया था। ऐसे ही एक अन्य मामले में सुभाष ने दावा किया कि जिरह के दौरान उसकी पत्नी ने स्वीकार किया कि उसने पहले जो हत्या के आरोप लगाए थे कि उसके पिता की मौत पति द्वारा बड़ी रकम मांगने के कारण हुए सदमे के कारण हुई थी, वे झूठे थे। निकिता सिंघानिया की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है। क्योंकि उन्होंने पहले अतुल पर कुछ आरोप लगाए और फिर उन्हें वापस ले लिया, जिसे देखकर प्रथम दृष्टया लगता है कि उन्होंने महिला सुरक्षा के कानूनों का दुरुपयोग किया होगा।
मृतक के पिता पवन कुमार ने बताया- अतुल ने हमें बताया था कि मध्यस्थता कोर्ट में लोग कानून के हिसाब से काम नहीं करते, सुप्रीम कोर्ट के नियमों के हिसाब से भी वहां प्रक्रिया का पालन नहीं होता। बेटे को बार-बार जौनपुर जाना पड़ता था। कम से कम 40 बार आना-जाना हो गया होगा। मेरी बहू और उसकी पत्नी एक के बाद एक झूठे आरोप लगाती रहीं। वह निराश जरूर हुआ होगा, लेकिन उसने हमें कभी इसका एहसास नहीं होने दिया। अचानक हमें घटना के बारे में पता चला-उसने हमारे छोटे बेटे को एक मेल भेजा। उसमें लिखी बातें सच हैं। हम नहीं बता सकते कि हमारा बेटा किस तनाव में रहा होगा।
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