संबंधित खबरें
Rajasthan Crime: बेंगलुरु में AI इंजीनियर के बाद जोधपुर में बीवी के चक्कर में डॉक्टर ने की आत्माहत्या
अब CBT के बाद TBT माध्यम से होगी परीक्षा, पहली बार एग्जाम में होगा प्रयोग
राजस्थान में पंचायत समिति की दुकान में शव मिलने से हड़कंप, सफाई कर्मचारी के उड़े होश
Jaipur News: जेडीए 66 करोड़ रुपये से करेगा विकास कार्य, जानिए कहां-कहां होंगे कार्य
ASI सुरेंद्र सिंह का शव लेने से परिजनों का इनकार, सरकार से की ये मांगे, CM काफिले के एक्सीडेंट में गई है जान
जयपुर की सरकारी इमारत से बरामद हुआ 33 साल पुराना 'खजाना'! जानें इसके पीछे का राज
India News (इंडिया न्यूज), Nangarh News: राजस्थान के ननलगढ़ इलाके के गोठड़ा गांव में एक किसान परिवार के 9 लोगों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपकर इच्छा मुत्यु की मांग की थी। बुधवार को इस मामले ने नया मोड़ लिया जब किसान परिवार के लोग चिता तैयार उस पर बैठ गए। साथ ही आत्मदाह का प्रयास करने लगे। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर परिवार के लोगों को वहां से उठाया और किसान को हिरासत में ले लिया।
एक किसान परिवार ने सीमेंट कंपनी पर प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनका मकान अतिक्रमण की बात कर अवैध रूप से तोड़ दिया गया। साथ ही उने मकान का उचित मुआवजा भी नहीं दिया गया है। इसलिए हमारा पूरा परिवार प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांग रप रहा है। बता दें, 11 दिसंबर को आत्मदाह की चेतावनी पर अमलीजामा पहनाते हुए इस किसान परिवार ने आज लकडियों की चिता बनाई और उस पर बैठ गए।
बुधवार को इस परिवार से मिलने पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी पहुंचे थे। उन्होंने किसान परिवार के साथ मिलकर जमकर पुलिस एवं प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। गहलोत राज में लाल डायरी को लेकर चर्चा में पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सीमेंट कंपनी की खामियों और प्रशासनिक लापरवाही पर विर्यार पर चर्चा की। इसके बाद गुढा कंपनी के गेट के बाहर लगाए गए टीन शेड पर राजेंद्र गुढ़ा ने चढ़ा कर विरोध प्रदर्शन किया।
पीड़ित किसान विद्याधर यादव का कहना है कि गोठड़ा गांव में सीमेंट फैक्ट्री के माइनिंग क्षेत्र में उनकी जमीन और मकान है। सीमेंट कंपनी और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा उनके परिवार को बंधक बनाकर उनके स्थाई आवास पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर तोड़ दिया गया। किसान ने सोमवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इच्छामृत्यु मांगी थी और आत्मदाह की चेतावनी दी थी।
इस पूरे मामले में एसडीएम का कहना है कि निर्धारित मुआवजा राशि तहसील कार्यालय में जमाकर दी गई है। बार-बार विद्याधर और सुखदेव से समझाया जा रहा है लेकिन उन्होंने चैक स्वीकार नहीं किया। जबकि समझौता पत्र पर विद्याधर यादव ने स्वयं हस्ताक्षर कर 26 लाख रुपए प्रति बीघा मुआवजा लेने की बात को स्वीकार किया था। इसके बावजूद अब वह मुआवजा लेने से इनकार कर रहे हैं। वहीं सीमेंट कंपनी भी किसान पर बार-बार डिमांड बदलने का आरोप लगा रही है। कंपनी समझौते के अनुसार मुआवजा राशि देने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है लेकिन किसान मुआवजा राशि लेने को तैयार नहीं है। फिलहाल इस मामले में खींचतान जारी है।
Deputy CM Mukesh Agnihotri: मुकेश अग्निहोत्री का तंज भरा भाषण वायरल, अफसरशाही और भाजपा पर जमकर बरसे
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.