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India News (इंडिया न्यूज), Sadhguru on Parliament: भारतीय संसद में लगातार हो रहे हंगामे के बीच आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने बयान दिया है। आपको बता दें कि अपने बयान में सद्गुरु ने भारतीय व्यापारियों और उद्योगपतियों की अहम भूमिका पर जोर दिया है। उनका कहना है कि वे देश के असली धनकुंभ हैं जो रोजगार पैदा करते हैं और आर्थिक विकास में योगदान देते हैं। ऐसे में व्यापारियों को राजनीति का शिकार बनाना न सिर्फ गलत है बल्कि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। अगर किसी व्यापारी से जुड़ी कोई समस्या है तो उसका समाधान कानूनी तरीके से होना चाहिए न कि उसे राजनीतिक लड़ाई का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
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भारतीय संसद में व्यवधान देखना निराशाजनक
सद्गुरु ने X पर लिखा- ‘भारतीय संसद में व्यवधान देखना निराशाजनक है, खासकर तब जब हम दुनिया के लिए लोकतंत्र का प्रतीक बनने की आकांक्षा रखते हैं। भारत के धन सृजनकर्ता और रोजगार प्रदाता राजनीतिक बयानबाजी का विषय नहीं बनने चाहिए। अगर कोई विसंगतियां हैं, तो उन्हें कानून के दायरे में निपटाया जा सकता है, लेकिन उन्हें राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय व्यवसाय फले-फूलें। यही एकमात्र तरीका है जिससे भारत भव्य भारत बनेगा।’
संसद में किसी भी विवाद को राजनीतिक फुटबॉल न बनाएं
साधारण भाषा में समझें तो सद्गुरु ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर कोई विवाद या समस्या है, तो उसे कानून के दायरे में सुलझाया जाना चाहिए और उसे संसद में राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनने देना चाहिए। इससे न केवल संसद की कार्यवाही प्रभावित होती है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भी व्यवधान पैदा होता है। इस समय हमें अपने लोकतंत्र के सिद्धांतों को बनाए रखते हुए भारतीय व्यवसायों को प्रोत्साहित और सम्मानित करने की आवश्यकता है।
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