Written By: Sanjay Srivastava
PUBLISHED BY: Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : December 12, 2024, 11:00 pm ISTसंबंधित खबरें
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India News (इंडिया न्यूज),varaha narasimha temple : सिमलसैंण गांव के नृसिंह स्वामी मंदिर जहां आज भी देवी देवता अवतरित होते है वह भी श्रधालुओं के ऊपर ।सिमलसैंण गांव के पौराणिक नृसिंह स्वामी मंदिर प्रांगण में इस वर्ष वीर नृत्य का आयोजन लगभग 6 वर्षों के बाद किया जा रहा है। बता दें, यह आयोजन समस्त ग्रामीणों तथा क्षेत्रवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए किया जाता हैं जिसमें बड़ी संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और उनकी मनोकामना पूर्ण होती हैं।
वीर नृत्य देवभूमि उत्तराखंड के रैवासियों की पौराणिक एवं ऐतिहासिक संस्कृति और लोक परम्परा का एक नृत्य हैं, जिसमें सभी ग्रामीण तथा उनके परिजन एकत्रित होते हैं, जिसमें जागर गायक (घटोया) देवी- देवताओं की कहानियां (जागर) लगाकर और पहाड़ी वाद्ययंत्र (ढौर-थाली) बजाकर ग्रामीणों पर देवी देवताओं के पश्वा अवतरित करते हैं तथा जिसमें ढौल वादक (ढौल- दमाऊं ) बजाकर और हनुमान चालीसा पढ़कर उनका साथ देते हैं।
वीर नृत्य में भगवान नृसिंह स्वामी, वीरभद्र,मां भगवती, हनुमान,वीर मेहमन्त,64 काली,78 भैरव,52 वीर,समेत अनेक देवी -देवताओं के पश्वा अवतरित होते हैं जो उपस्थित श्रद्धालुओं को भभूती लगाकर आशीर्वाद देते हैं ।कहते है अन्तिम दिवस पर मां भगवती और मां काली की अवतरित पश्वा महिलाएं वीर देवताओं को चना, मटर,भट्ट,गुड़-मिठाई,रूट-पूआ,फल आदि अपने हाथों से खिलाकर गगरी से पानी पिलाते हैं।
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