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India News (इंडिया न्यूज़),Syria Crisis: सीरिया में बशर अल-असद के शासन का अंत हो गया। इस समय सिरिया पर विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल-शाम का कब्जा है जिसकी वजह से बशर अल-असद को देश छोड़कर भागना पड़ा।जिसके बाद से इजरायल सीरिया में खूब बम बरसाया। अब ऐसा पहली बार है जब तहरीर अल-शाम के प्रमुख ने इस हमले को लेकर बयान दिया है। सीरिया में सत्ता संभालने के बाद शनिवार को दिए गए एक इंटरव्यू में अहमद अल-शरा (मोहम्मद जुलानी) ने देश पर इजरायली हमलों की निंदा की। उन्होंने यह भी कहा कि देश नए संघर्ष के लिए बहुत थक चुका है।
इजरायली सैनिकों ने पिछले हफ्ते गोलान हाइट्स पर इजरायली और सीरियाई सेना को अलग करने वाले संयुक्त राष्ट्र के बफर जोन में प्रवेश किया। इजरायल के इस कदम पर संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह कदम 1974 के युद्धविराम समझौते का उल्लंघन है, लेकिन इजरायली पीएम ने असद सरकार के पतन के बाद इस समझौते को खत्म घोषित कर दिया है।
हयात तहरीर अल-शाम के नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने कहा, “यह स्पष्ट है कि इजरायलियों ने बफर जोन को पार कर लिया है, जिससे क्षेत्र में नए तनाव का खतरा पैदा हो गया है।” लेकिन उन्होंने विद्रोहियों के टेलीग्राम चैनल पर एक बयान में कहा कि “वर्षों के युद्ध और संघर्ष के बाद सीरिया में सामान्य थकावट हमें नए संघर्षों में उतरने की अनुमति नहीं देती है।”
दरअसल, सीरिया पिछले 13 वर्षों से संघर्ष की आग में झुलस रहा है। 2011 में असद विरोधी प्रदर्शनों के बलपूर्वक दमन के बाद ये विरोध प्रदर्शन गृहयुद्ध में बदल गए। 13 वर्षों के खूनी संघर्ष के बाद, बशर अल-असद को 8 दिसंबर को देश छोड़कर भागना पड़ा और अब देश पर हयात तहरी अल-शाम नामक विद्रोही संगठन का कब्जा है।
1974 से इस रणनीतिक पहाड़ी गोलान के अधिकांश हिस्से पर कब्जा करने वाले इजरायल का कहना है कि उसने अपने पूर्वोत्तर पड़ोसी में राजनीतिक अनिश्चितता को देखते हुए आत्मरक्षा में यह कदम उठाया। इजरायल के इस कदम का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध हुआ है, इसके बावजूद उसने सीरिया पर 400 से अधिक हवाई हमले किए हैं और सीरिया की 80 प्रतिशत सैन्य क्षमताओं को नष्ट कर दिया है।
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