होम / मनोरंजन / जिसे खुद की मां ने समझा था मनहूस, अब्बा की जान के लिए मांगी जिस बच्चे ने भीख…रुला देगी भारत के इस पदमश्री की असल कहानी

जिसे खुद की मां ने समझा था मनहूस, अब्बा की जान के लिए मांगी जिस बच्चे ने भीख…रुला देगी भारत के इस पदमश्री की असल कहानी

PUBLISHED BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : December 17, 2024, 12:00 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

जिसे खुद की मां ने समझा था मनहूस, अब्बा की जान के लिए मांगी जिस बच्चे ने भीख…रुला देगी भारत के इस पदमश्री की असल कहानी

 Life Story Of Zakir Hussain: जाकिर हुसैन ने अपनी किताब ZAKIR HUSSAIN: A Life in Music में अपने बचपन के कुछ दर्दनाक और दिल को छू लेने वाले किस्से साझा किए हैं।

India News (इंडिया न्यूज), Life Story Of Zakir Hussain: तबला की थाप, उसकी गूंज और उसकी आवाज़ से भारतीय संगीत जगत को नवाज़ने वाले दिग्गज कलाकार, जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में 14 अक्टूबर 2024 को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में निधन हो गया। उनके निधन से संगीत की दुनिया को अपूरणीय क्षति हुई है, और उनके परिवार, चाहने वालों और संगीत प्रेमियों में गहरा शोक व्याप्त है। जाकिर हुसैन की संगीत यात्रा और उनके योगदानों के बारे में हम सभी वाकिफ हैं, लेकिन उनके जीवन की कुछ पहलुओं से शायद ही कोई वाकिफ हो। आइए जानते हैं उनके संघर्षपूर्ण जीवन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जो जाकिर हुसैन को “द ग्रेट” बनाने की कहानी बयां करती हैं।

मां ने समझा था ‘मनहूस’

जाकिर हुसैन ने अपनी किताब “ZAKIR HUSSAIN: A Life in Music” में अपने बचपन के कुछ दर्दनाक और दिल को छू लेने वाले किस्से साझा किए हैं। उनका कहना है कि जब उनका जन्म हुआ, तो उनके पिता की सेहत बहुत खराब थी और उन्हें गंभीर दिल की बीमारी थी। उस समय उनके परिवार के लोग उन्हें “मनहूस” मानने लगे थे, क्योंकि उनका जन्म उनके पिता के लिए एक कठिन समय में हुआ था।

जाकिर ने अपनी किताब में लिखा है, “जब मुझे घर लाया गया, तो मेरी मां ने मुझे ब्रेस्टफीड नहीं कराया, क्योंकि वह मुझे मनहूस समझती थीं। उन्होंने महसूस किया कि मैं परिवार के लिए दुख लेकर आया हूं। उस समय मेरी मां के आसपास की एक करीबी महिला ने मेरी देखभाल की और शुरुआती हफ्तों में वह मेरी ‘सरोगेट मां’ बन गई।”

इन सेलेब्रिटीज़ का नया साल तो होगा शुरू लेकिन नहीं होगा इनके लिए ”हैप्पी न्यू ईयर”, जानें उनके नाम और जिंदगी की थमी हुई कहानियां

ज्ञानी बाबा का आशीर्वाद और नामकरण

जाकिर हुसैन के जीवन में एक और महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब एक पवित्र व्यक्ति, ज्ञानी बाबा, उनके परिवार के दरवाजे पर प्रकट हुए। ज्ञानी बाबा ने उनके जीवन के बारे में एक भविष्यवाणी की थी, जिसने जाकिर हुसैन के नाम और उनके जीवन की दिशा को बदल दिया। उन्होंने जाकिर के मां से कहा कि उनका बेटा अगले चार सालों में बहुत कठिनाइयों का सामना करेगा, लेकिन वह उनके पिता को बचा लेगा। साथ ही, बाबा ने उनका नाम “जाकिर हुसैन” रखने की सलाह दी।

जाकिर ने बताया कि “हुसैन” उनका पारिवारिक उपनाम नहीं था, बल्कि यह नाम हजरत इमाम हुसैन के नाम पर रखा गया था। ज्ञानी बाबा ने यह भी कहा था कि जाकिर को एक फकीर बनना चाहिए और विनम्रता सीखने के लिए मुहर्रम के दौरान सात घरों में जाकर भीख मांगनी चाहिए।

करोड़ो के मालिक इस फेमस यूट्यूबर की जान का दुश्मन बना बैठा है अंडरवर्ल्ड, डरी-सहमी हुई दो बीवियों ने शेयर किया वीडियो

घर-घर जाकर भीख मांगते थे जाकिर हुसैन

जाकिर हुसैन के जीवन में मुहर्रम के दौरान घर-घर जाकर भीख मांगने की एक दिलचस्प परंपरा रही। यह परंपरा उन्हें ज्ञानी बाबा के निर्देशानुसार निभानी पड़ी। जाकिर ने बताया, “मेरी मां मुझे हरा कुर्ता पहनाती थीं और मुझे एक झोला देती थीं, और हम अपने मोहल्ले में घर-घर जाकर भीख मांगते थे। लोग मुझे थोड़े पैसे या मिठाइयाँ देते थे, और मैं जो भी प्राप्त करता, उसे सीधे मस्जिद या माहिम दरगाह में दान कर देता था।”

यह प्रथा सिर्फ उनके बचपन तक सीमित नहीं रही, बल्कि जाकिर ने भारत में रहते हुए भी इसे जारी रखा, और जब वह अमेरिका चले गए, तो भी यह परंपरा उनके जीवन का हिस्सा रही। यह अनुभव उन्हें विनम्रता, दीन-हीनता और समाज की भलाई के लिए काम करने की प्रेरणा देता था।

मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन की बिगड़ी तबीयत,अस्पताल में कराया गया भर्ती

संघर्ष और सफलता की ओर यात्रा

जाकिर हुसैन का बचपन कई तरह के संघर्षों से भरा हुआ था। बीमारियां, मुश्किलें, और एक खराब स्वास्थ्य की स्थिति के बावजूद, उन्होंने अपनी मेहनत, समर्पण और जुनून से तबला वादन में महारत हासिल की। उनके पिता, उस्ताद अल्लारखा, स्वयं एक महान तबला वादक थे और जाकिर हुसैन ने उनके सान्निध्य में संगीत की दीक्षा ली। हालांकि, जाकिर के लिए ये राह आसान नहीं थी, क्योंकि उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के साथ-साथ भारतीय संगीत की परंपराओं को समझा और फिर उन्हें वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।

उन्होंने अपनी अद्वितीय शैली और समर्पण से न केवल भारतीय संगीत को ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि पश्चिमी दुनिया में भी भारतीय संगीत की पहचान बनाई। उनकी संगीत यात्रा ने उन्हें ग्रैमी अवार्ड जैसे अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिलाए। इसके साथ ही, उन्होंने पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित भारतीय पुरस्कारों से भी नवाजा गया।

‘पुष्पा’ के वकील भी निकले उन्ही की तरह ‘फायर’…यूं धुंए में उड़ाया केस, जानें एक घंटे का करते है कितना चार्ज?

जाकिर हुसैन की धरोहर

जाकिर हुसैन का योगदान सिर्फ तबला वादन तक सीमित नहीं था, बल्कि वह एक ब्रिज की तरह कार्य करते थे, जिसने भारतीय और पश्चिमी संगीत को एक दूसरे से जोड़ा। उनका संगीत भारतीय रागों, तालों और धुनों का अद्वितीय मिश्रण था, जो सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता था। उन्होंने कई प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ सहयोग किया, जिनमें जॉन मैक्लॉघलिन, लुइस बैंक्स, और गैर-इंडियन म्यूजिक के साथ उनके सहयोग शामिल थे।

उनका संगीत और तबला वादन न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में एक मशहूर नाम बन चुका था। उनका निधन एक युग के समाप्त होने जैसा है, लेकिन उनका संगीत हमेशा हमारे दिलों में गूंजता रहेगा।

जेल से छूटते ही सामने आया Allu Arjun का पहला बयान, बोले- ‘मैं कानून का सम्मान करता हूं, सहयोग करूंगा और…?’

जाकिर हुसैन का जीवन एक प्रेरणा है, जो संघर्ष और मेहनत के साथ अपने सपनों को साकार करने की कहानी बयान करता है। उनका बचपन विपरीत परिस्थितियों से भरा था, लेकिन उन्होंने अपनी कला के प्रति अपने प्रेम और समर्पण से दुनिया को अपनी छाप छोड़ी। उनका संगीत न केवल भारतीय कला और संस्कृति का हिस्सा बना, बल्कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संगीत की पहचान भी बनाई। जाकिर हुसैन का योगदान सदैव अमर रहेगा, और उनके संगीत की थाप हमेशा हमारे दिलों में गूंजती रहेगी।

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात, छोटी-बड़ी गतिविधियां करेगा कैप्चर
महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात, छोटी-बड़ी गतिविधियां करेगा कैप्चर
किसी को पसंद नहीं आती थी Kapil Sharma की कॉमेडी, मिलते थे 10 में से सिर्फ 4 नंबर, वीडियो देखकर लगेगा झटका
किसी को पसंद नहीं आती थी Kapil Sharma की कॉमेडी, मिलते थे 10 में से सिर्फ 4 नंबर, वीडियो देखकर लगेगा झटका
बशर अल-असद ने मुसलमानों को दिया था धोखा, 21 फ्लाइट में भरकर पुतिन को ऐसा क्या भेजा? लीक हो गया रूस का राज
बशर अल-असद ने मुसलमानों को दिया था धोखा, 21 फ्लाइट में भरकर पुतिन को ऐसा क्या भेजा? लीक हो गया रूस का राज
डायबिटीज पेशेंट के लिए ये रोटी है वरदान, शरीर को मिलेंगे ऐसे लाजवाब फायदे कि मुंह से निकलेगा ‘भई वाह’
डायबिटीज पेशेंट के लिए ये रोटी है वरदान, शरीर को मिलेंगे ऐसे लाजवाब फायदे कि मुंह से निकलेगा ‘भई वाह’
अडानी के अनुबंध को चुनौती देने वाले व्यक्ति को लगा बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने लगाया 50,000 रुपये का जुर्माना!
अडानी के अनुबंध को चुनौती देने वाले व्यक्ति को लगा बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने लगाया 50,000 रुपये का जुर्माना!
MP Crime News: मैहर में लोकायुक्त की बड़ी कार्यवाही, दो भ्रष्ट अधिकारी को पकड़ा रंगे हाथ
MP Crime News: मैहर में लोकायुक्त की बड़ी कार्यवाही, दो भ्रष्ट अधिकारी को पकड़ा रंगे हाथ
शाहजहांपुर में दर्दनाक हादसा! टैंकर ने बाइक सवारों को रौंदा, 3 की मौत
शाहजहांपुर में दर्दनाक हादसा! टैंकर ने बाइक सवारों को रौंदा, 3 की मौत
जिन अंग्रेजों ने 200 सालों तक भारत को किया खोखला…उन्हें चीन के हाथों मिला कर्मों का फल? जानें कौन है वो खूंखार जासूस
जिन अंग्रेजों ने 200 सालों तक भारत को किया खोखला…उन्हें चीन के हाथों मिला कर्मों का फल? जानें कौन है वो खूंखार जासूस
Himachal Pradesh Jobs: जल्द युवाओं को बेरोजगारी से मिलेगा छुटकारा, इन पदों पर खुलेगा नौकरी का पिटारा
Himachal Pradesh Jobs: जल्द युवाओं को बेरोजगारी से मिलेगा छुटकारा, इन पदों पर खुलेगा नौकरी का पिटारा
Baba Mahakal Mandir: महाकाल मंदिर में भक्तों का दिल खोलकर दान, लड्डू प्रसादी से भी हुई शानदार कमाई
Baba Mahakal Mandir: महाकाल मंदिर में भक्तों का दिल खोलकर दान, लड्डू प्रसादी से भी हुई शानदार कमाई
CM Yogi ने प्रियंका गांधी से लिया ‘शहजादे’ का बदला, क्या बोले थे Rahul Gandhi जिस पर मिला जवाब
CM Yogi ने प्रियंका गांधी से लिया ‘शहजादे’ का बदला, क्या बोले थे Rahul Gandhi जिस पर मिला जवाब
ADVERTISEMENT