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India News (इंडिया न्यूज),Mandir Found in Aligarh: अलीगढ़ के बन्ना देवी थाना क्षेत्र के सराय रहमान इलाके में एक मंदिर जीर्ण-शीर्ण हालत में मिला है. बताया जा रहा है कि यह मंदिर सालों से बंद था. हाल ही में प्रशासन की निगरानी में इसे फिर से खोला गया है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 45 साल से भी ज्यादा पुराना बताया जा रहा है. मंदिर के आसपास मुस्लिम समुदाय के घर होने के कारण यह मामला धार्मिक और सामाजिक संवेदनशीलता का विषय बन गया था. स्थानीय लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार यह मंदिर सालों से बंद था. इस मंदिर के आसपास का इलाका मुस्लिम बाहुल्य है और समय के साथ मंदिर उपेक्षा का शिकार हो गया. करणी सेना और हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि मंदिर के आसपास के इलाके पर मुस्लिम समुदाय ने अवैध कब्जा कर रखा है. हिंदू संगठनों ने मंदिर के लंबे समय से बंद रहने और उसके आसपास की जमीन पर मुस्लिम आबादी के खिलाफ प्रदर्शन किया. हिंदू संगठनों का आरोप है कि मंदिर की कथित मूल जमीन पर कब्जा कर लिया गया है. जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन
हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि मंदिर की जानबूझकर उपेक्षा की जा रही है, जिससे समुदाय के लिए इसका धार्मिक महत्व कम हो सकता है। इस मुद्दे पर करणी सेना और अन्य संगठनों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। फिलहाल प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया है।
अपर नगर आयुक्त राकेश कुमार और बन्ना देवी थाने की टीम ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद प्रशासन की निगरानी में मंदिर का दरवाजा खोलकर साफ-सफाई की गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि मंदिर में कुछ पुरानी मूर्तियां रखी हुई थीं। मंदिर की साफ-सफाई के बाद उसे पूजा-अर्चना के लिए तैयार किया गया। हालांकि, इस प्रक्रिया में प्रशासन को स्थानीय मुस्लिम समुदाय की ओर से किसी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा।
स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बताया कि मंदिर के आसपास कोई अवैध कब्जा नहीं है। उनका कहना है कि यह मंदिर सालों पहले खाली कराया गया था, जब यहां रहने वाले कुछ हिंदू परिवार अपनी जमीन बेचकर कहीं और चले गए थे। लोगों ने बताया कि मंदिर की मूर्तियां भी संबंधित परिवार अपने साथ ले गए। मुस्लिम समुदाय के अनुसार मंदिर में पूजा-अर्चना बंद होने से मंदिर उपेक्षित हो गया था। स्थानीय लोगों ने कहा कि कुछ संगठनों द्वारा जानबूझकर इस मुद्दे को तूल दिया जा रहा है, ताकि इलाके में सामुदायिक सौहार्द को बिगाड़ा जा सके।
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दूसरी ओर, करणी सेना और हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि मंदिर पर लंबे समय से मुस्लिम समुदाय का दबदबा है, जिसके कारण स्थानीय हिंदू समुदाय मंदिर तक नहीं पहुंच पा रहा था। उनका यह भी दावा है कि मंदिर के आसपास ऐसी और भी जमीन हो सकती है, जो मंदिर की मूल संपत्ति का हिस्सा है। इन संगठनों ने प्रशासन से अपील की है कि मंदिर की जमीन की खुदाई की जाए और अगर मंदिर से जुड़ी अन्य संपत्तियां मिलती हैं, तो उन्हें भी हिंदू समुदाय को सौंप दिया जाए।
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अपर नगर आयुक्त राकेश कुमार ने कहा कि यह मंदिर एक छोटा कमरा है, जिसमें कुछ मूर्तियां रखी हुई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर निगम का इस मामले से कोई सीधा संबंध नहीं है। इस मामले में जिला प्रशासन के पास अधिक जानकारी है और वह इस पर आगे की कार्रवाई करेगा।
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