संबंधित खबरें
भगवान शिव के सबसे बड़े भक्त फिर क्यों किया 21 बार धरती से क्षत्रियों को विहीन? क्या कहती है पौराणिक कथा
जो देख नहीं सकते…उन्हें दिख गया 2025 में इन 4 राशियों का गोल्डन टाइम, अब तो पलट कर रहेगा भाग्य!
2025 में जिंदगी बदल देंगे ये 4 मंत्र, प्रेमानंद महाराज ने बताया सीक्रेट, इतने आसान कि अभी शुरू कर देंगे
आपके दरवाजे आ जाएं नागा साधु तो कभी ना करें ये काम, क्या होती है 7 घरों की क्रिया? कहीं घोर पाप ना हो जाए
IITian बाबा ने लिख दिया पिता का विनाश, महाकुंभ से मशहूर हुए साधु ने बाप को दी गाली…कही ऐसी बात रो पड़ेगे जन्म देने वाले
कैसी भी हो स्थिती, त्याग चुके हैं सारे सुख, फिर भी इन पांच कड़े नियमों का करना पड़ता है पालन!
India News (इंडिया न्यूज), Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य, जिन्हें राजनीति, समाजशास्त्र और जीवन प्रबंधन में अद्वितीय ज्ञान के लिए जाना जाता है, ने नीति शास्त्र में मानव जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला है। उन्होंने जीवनशैली से जुड़ी उन आदतों पर चर्चा की है, जो व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण बात है — अत्यधिक यात्रा का प्रभाव।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को अनावश्यक और अधिक यात्रा करने से बचना चाहिए। विशेष रूप से, लंबी यात्राएं पैदल करने से शारीरिक थकान और मानसिक तनाव बढ़ता है। उनका मानना था कि जो लोग आवश्यकता से अधिक यात्राएं करते हैं, उनकी दिनचर्या असामान्य हो जाती है। यह असमान दिनचर्या न केवल उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि उनके जीवन में अनुशासन और स्थिरता भी खत्म कर देती है।
सोमवती अमावस्या के दिन भुलकर भी न करें ये काम, वरना मुड़कर भी नही देखेंगे पूर्वज आपका द्वार!
अत्यधिक यात्रा करने वाले लोग अक्सर अपने खानपान पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सही पोषण की कमी के कारण शरीर को आवश्यक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे शारीरिक कमजोरी और बीमारियां बढ़ने लगती हैं। यह धीरे-धीरे व्यक्ति को समय से पहले बूढ़ा बना देता है।
जो लोग लगातार यात्राओं में व्यस्त रहते हैं, वे अपनी दिनचर्या को संतुलित नहीं रख पाते। इससे न केवल उनका शरीर थकान का शिकार होता है, बल्कि मानसिक शांति भी बाधित होती है। स्वास्थ्य खराब होने के कारण व्यक्ति रोजमर्रा के कामों को कुशलता से नहीं कर पाता और उसकी उत्पादकता में गिरावट आती है।
चाणक्य की यह सीख आधुनिक जीवनशैली में भी अत्यधिक प्रासंगिक है। आज के समय में, भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित दिनचर्या के कारण लोग कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अतः यह आवश्यक है कि हम अपनी जीवनशैली को संतुलित करें और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
आचार्य चाणक्य का यह ज्ञान हमें यह समझने में मदद करता है कि अत्यधिक यात्रा और अनियमित जीवनशैली न केवल हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि हमारे जीवन की गुणवत्ता को भी कम करती है। अतः हमें अपनी व्यस्तता के बीच समय निकालकर अपने स्वास्थ्य और जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए। यही दीर्घायु और स्वस्थ जीवन का आधार है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.