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India News (इंडिया न्यूज), Mahabharata Story: महाभारत की कहानियां हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। दुर्योधन अहंकारी और अधर्मी था। सबसे बड़े महाभारत युद्ध का कारण दुर्योधन का अहंकार और अधर्मी स्वभाव था। महाभारत युद्ध की वजह से कौरव वंश का नाश हो गया था। इस युद्ध में भाई-भाई में दुश्मनी हो गई थी। इस युद्ध में सबसे आखिर में दुर्योधन की मृत्यु हुई थी। दुर्योधन का वध भीम ने किया था। भीम ने अपनी जांघ पर प्रहार करके दुर्योधन का वध कर दिया था। महाभारत युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने अहम भूमिका निभाई थी। दुर्योधन ने मरते समय भगवान श्री कृष्ण को बार-बार अपनी तीन उंगलियां दिखाई थीं। आइए जानते हैं कि दुर्योधन ने मरते समय भगवान श्री कृष्ण को अपनी तीन उंगलियां क्यों दिखाई थीं।
दुर्योधन की पहली गलती ये थी कि वो युद्ध में भगवान श्री कृष्ण को अपने साथ नहीं ले गया था। उसने भगवान श्री कृष्ण को छोड़कर उनकी नारायणी सेना मांग ली थी। मरते समय दुर्योधन ने श्री कृष्ण से कहा था कि अगर मैंने नारायणी सेना की जगह आपको चुना होता तो आज मेरी ये हालत नहीं होती। मैं युद्ध जीत जाता।
माता गांधारी के पति यानी दुर्योधन के पिता धृतराष्ट्र अंधे थे और इस वजह से माता गांधारी ने भी अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी और अंधे की तरह रहती थी। भीम से युद्ध से पहले दुर्योधन की मां गांधारी ने उसे नंगा कह दिया था। जब दुर्योधन नंगा होकर अपनी मां के पास जाने लगा तो श्री कृष्ण ने उसे रोका और कहा कि इस उम्र में मां के पास नंगा जाना ठीक नहीं है। इसलिए श्री कृष्ण पत्तों से बनी लंगोटी पहनकर अपनी मां के पास गए। मां के पास जाते ही गांधारी ने अपनी आंखों से पट्टी हटा दी।
उनकी आंखों से निकलने वाली रोशनी से दुर्योधन का शरीर वज्र के समान हो गया। केवल वह स्थान जहाँ पत्ते गिरे थे, पहले जैसा ही रह गया। उसी स्थान पर भीम ने गधे को मारकर दुर्योधन का वध कर दिया। दुर्योधन ने श्री कृष्ण से कहा कि यदि वह नग्न अवस्था में होता तो उसे कोई नहीं मार सकता था।
दुर्योधन ने श्री कृष्ण से कहा कि उसकी तीसरी गलती यह थी कि वह युद्ध लड़ने के लिए सबसे अंत में आया। यदि वह शुरू से ही युद्ध लड़ता तो स्थिति कुछ और होती। यह सब सुनने के बाद श्री कृष्ण ने दुर्योधन को उसकी असली गलती बताई- भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि ये 3 गलतियां तुम्हारी हार का कारण नहीं हैं। तुम्हारा अधर्म का साथ देना और अहंकारी होना ही इस युद्ध में तुम्हारी हार का कारण है।
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