एक ओर घर लौटने की खुशी, लेकिन मौत ने डाली दस्तक
अनिल राजभर मुंबई से 15 दिसंबर की सुबह अंतोदय ट्रेन से अपने घर के लिए रवाना हुआ था। वह अपने परिवार से खुश होकर फोन पर बात कर रहा था और घर में उसके आने का इंतजार हो रहा था। लेकिन, ट्रेन यात्रा के दौरान उसकी जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया, जिसने उसकी और उसके परिवार की जिंदगी बदल दी। करीब 11 बजे अनिल ने अपनी पत्नी को फोन किया और बताया कि ट्रेन में कुछ लोग उसके पीछे लग गए हैं और उनकी कहासुनी हो गई है। अनिल ने अपनी पत्नी को यह भी बताया कि उसे डर है कि वे लोग उसे मार डालेंगे। उसने अपनी पत्नी को चेतावनी दी कि वह उन लोगों की तस्वीरें भेज रहा है, ताकि अगर कुछ हो जाए तो वे लोग जिम्मेदार हों।
फोन कनेक्शन कट उधर आई बुरी खबर
शाम के समय तक जब अनिल से संपर्क नहीं हो सका, तो परिवार वालों की चिंता बढ़ने लगी। अगले दिन 16 दिसंबर को रात 2 बजे मध्य प्रदेश के शामगढ़ थाने से फोन आया और पुलिस ने अनिल के परिवार को एक भयावह खबर दी कि शामगढ़ स्टेशन की पटरी के पास एक शव मिला है। पुलिस को संदेह था कि यह शव अनिल राजभर का हो सकता है, क्योंकि उसके पास मिला आधार कार्ड और मोबाइल उसकी पहचान का संकेत दे रहे थे। परिवार वाले तुरंत मौके पर पहुंचे और शव की शिनाख्त की, तो पाया कि अनिल का शव टुकड़ों में बंटा हुआ था, उसका सिर और एक हाथ गायब था।
पोस्टमार्टम और जांच में खामियां
शव को परिजनों के सुपुर्द करने से पहले पुलिस ने इसे अपनी सुपुर्दगी में लिया, लेकिन जब परिवार वालों ने शव के पोस्टमार्टम के बारे में जानकारी मांगी, तो पुलिस ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी। इस पर परिवारवालों का शक और गहरा हो गया, और उन्होंने पुलिस पर सवाल उठाए कि क्या यह दुर्घटना थी या हत्या?
परिजनों का आरोप और कार्रवाई की मांग
परिजनों का मानना है कि अनिल की हत्या उन्हीं लोगों ने की है, जिनकी तस्वीर उसने अपनी पत्नी को भेजी थी। अनिल ने जिन बदमाशों की तस्वीर भेजी थी, वह ही लोग उसके हत्यारे हैं। परिवारवालों ने पुलिस से इन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और यह भी कहा है कि उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जाए ताकि न्याय मिल सके।
यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि हमारे आस-पास कब किसकी जान खतरे में हो, इसका हमें कभी अंदाजा नहीं होता। परिवार वालों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए ताकि न्याय मिल सके।