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India News (इंडिया न्यूज),Jabalpur: नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न और अपराधों में वृद्धि पर MP हाईकोर्ट ने गहरी चिंता व्यक्त की है। आपको बता दें कि मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार सहित अन्य संबंधित संस्थाओं को नोटिस जारी कर पॉक्सो एक्ट की धारा 43 और 44 के तहत उठाए गए कदमों पर जवाब मांगा है।
आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने बताया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 को 14 नवंबर 2012 से लागू किया गया, परंतु जागरूकता और सही क्रियान्वयन की कमी के कारण नाबालिगों के साथ अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। MP हाईकोर्ट में फिलहाल टोटल 14,531 आपराधिक अपीलें लंबित हैं, जिनमें पॉक्सो एक्ट के तहत सजा के खिलाफ दायर मामले शामिल हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाईकोर्ट ने माना कि अपराधों में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के बारे में जागरूकता की कमी है। धारा 43 के तहत केंद्र और राज्य सरकारों का दायित्व है कि अधिनियम के व्यापक प्रचार-प्रसार और संबंधित अधिकारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण देने के लिए उचित कदम उठाएं। साथ ही, धारा 44 के तहत, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी दी गई।
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