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India News (इंडिया न्यूज), Eknath Shinde: 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र की राजनीतिक तस्वीर बदल गई है। एकनाथ शिंदे, जो पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, अब उपमुख्यमंत्री बन गए हैं और उनका पद अब भाजपा के देवेंद्र फडणवीस संभाल रहे हैं। कहा जा सकता है कि महायुति की शानदार जीत के बाद एकनाथ शिंदे के लिए यह मजबूरी बन गई थी। आज खबर आ रही है कि, महाराष्ट्र में विभागों का बंटवारा हो गया है। महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने हुप्रतीक्षित विभाग आवंटन की घोषणा की, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गृह मंत्रालय अपने पास रखा, जबकि एनसीपी नेता अजित पवार को वित्त और योजना विभाग मिले।पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को शहरी विकास, आवास और लोक निर्माण (सार्वजनिक उद्यम) जैसे विभाग सौंपे गए हैं।
भाजपा में शामिल होकर महायुति गठबंधन के बल पर एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना सरकार, पार्टी, चुनाव चिन्ह छीन लिया था, जिसके कारण वह महज दो साल में अपनी पार्टी बनाकर उसे मजबूत कर सके और अब वह भाजपा के अधीन हो गए हैं। लेकिन, एकनाथ शिंदे के पास अभी भी कुछ ऐसा है जिस पर भाजपा का अधिकार नहीं है और वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकती। आपको याद होगा कि 2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर उद्धव ठाकरे से सबकुछ छीन लिया था। इस दौरान चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी भी एकनाथ शिंदे को दे दी और चुनाव चिन्ह भी एकनाथ शिंदे के खाते में चला गया।
इतना ही नहीं, एकनाथ शिंदे को शिवसेना की संपत्ति भी मिल गई। अब जब 2024 के चुनाव ने सब कुछ बदल दिया है, तो एकनाथ शिंदे का मूड बदलता हुआ दिख रहा है, जो बीजेपी के लिए खतरे का संकेत है। 23 नवंबर को महाराष्ट्र्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद ये तो तय हो गया था कि, देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे। मुख्यमंत्री नहीं बनता देख एकनाथ शिंदे भाजपा से नाराज चलने लगे, लेकिन काफी मान मनोव्वल के बाद आख़िरकार एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया। मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद लेकर महायुति में शामिल हुए एकनाथ शिंदे को अब बड़ा झटका लगा है, जिसमें उनका मन डगमगाता हुआ दिख रहा है। अब यह भी संभव है कि आने वाले दिनों में वह पार्टी का चुनाव चिन्ह लौटाने पर विचार करें, या फिर उद्धव ठाकरे से समझौता करके वापस शामिल होते नजर आएं।
शिवसेना शिंदे गुट प्रमुख एकनाथ शिंदे ने बड़ा फैसला लिया है। पार्टी के बंटवारे के बाद शिवसेना का बैंक अकाउंट भी शिंदे के पास आ गया था, इसलिए अब एकनाथ शिंदे ने फैसला किया है कि वह उद्धव ठाकरे को पैसे लौटाएंगे। शिंदे ने तय किया है कि 2022 से पहले बैंक में जमा किसी भी पैसे पर वह दावा नहीं करेंगे। वह 2022 से पहले उद्धव गुट के नाम पर जमा किए गए पैसे ही ठाकरे को लौटाएंगे। इससे शिवसेना की संपत्तियों और बैंक खातों के मालिकाना हक की लड़ाई खत्म हो जाएगी।
हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि, बैंक खाते में कितना पैसा जमा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 2023 में दावा किया गया था कि शिवसेना के बैंक खाते में 190 करोड़ रुपये जमा हैं। अब यह संभव है कि अगर खाते से कोई पैसा नहीं निकाला गया है तो ब्याज जोड़कर यह रकम 200 करोड़ तक पहुंच गई होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020-21 में शिवसेना के पास कुल 191 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति थी।आज भी दादर स्थित शिवसेना भवन और सामना उद्धव ठाकरे के नियंत्रण में है। शिवसेना महाराष्ट्र में 82 बड़े और मुंबई में 227 छोटे कार्यालय चलाती है। दादर शिवसेना का मुख्यालय है और शिवसेना के अख़बार सामना की संपत्ति भी यहीं है जिसे सुभाष देसाई की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट द्वारा चलाया जाता है। इसके सदस्यों में उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे, अरविंद सावंत शामिल हैं।
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