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India News (इंडिया न्यूज),Syria Bashar al-Assad divorce:सीरिया पर 5 दशको से अधिक समय से शासन कर रहे असद परिवार के हाथ से सत्ता तब चली गई जब विद्रोहियों ने 8 दिसंबर को सीरिया की राजधानी दमिश्क पर अपना कब्जा कर लिया। जिसके बाद दो दशक से सीरिया पर शासन कर रहे राष्ट्रपति बशर अल असद को देश छोड़ कर भागना पड़ा। बशर अल असद ने जान बचाने के लिए रुस में शरण ली है। बशर अल-असद की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई। अब सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति को अपनी निजी जिंदगी में भी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब असद की पत्नी ने तलाक लेने के लिए अर्जी लगाई है। रिपोर्ट्स की माने तो सीरिया की फर्स्ट लेडी रह चुकी असमा रुस में अपने जीवन से संतुष्ट नहीं हैं। वह अपने गृहनगर लंदन में शिफ्ट होना चाहती हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटिश-सीरियाई नागरिक अस्मा का जन्म और पालन-पोषण लंदन में सीरियाई माता-पिता के घर हुआ। वह 25 साल की उम्र में 2000 में सीरिया चली गई और उसी साल बशर अल-असद से शादी कर ली। अस्मा अब 49 साल की हो गई हैं। उन्होंने रूसी अदालत में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है। इसके साथ ही उन्होंने मॉस्को छोड़ने के लिए विशेष अनुमति मांगी है। रूसी अधिकारी उनकी याचिका पर विचार कर रहे हैं।
आपको बता दें इस महिने की शुरुवात में अमेरिका का तुर्किये की मदद से हयात तहरीर अल-शाम (HTS ) विद्रोही संगठन ने सीरिया पर कब्जा कर लिया। बता दें HTS को अमेरिका ने आतंकवादी संगठन घोषित किया था। अमेरिका ने सीरिया में सत्ता पर कब्जा करने के बाद एचटीएस नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी के सिर पर रखा 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम हटा दिया है।
बशर अल-असद 24 साल तक सीरिया के राष्ट्रपति रहे। उन्होंने 2000 में पदभार संभाला था। इससे पहले बशर के पिता हाफ़िज़ अल-असद 1971 से 2000 तक सीरिया के राष्ट्रपति थे। रूस ने बशर और उनके परिवार के लिए शरण के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। माना जाता है कि बशर अल-असद रूस में सख्त प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं। उन्हें मॉस्को छोड़ने या किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने की अनुमति नहीं है। रूसी अधिकारियों ने उनकी संपत्ति जब्त कर ली है। इसमें 270 किलोग्राम सोना, 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर और मॉस्को में 18 अपार्टमेंट शामिल हैं। सऊदी और तुर्की की रिपोर्टों के अनुसार, बशर अल-असद के भाई माहेर अल-असद को रूस में शरण नहीं दी गई है। उन्हें और उनके परिवार को नज़रबंद कर दिया गया है। माहेर के शरण अनुरोध की समीक्षा की जा रही है।
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