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India News (इंडिया न्यूज), Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इमरान खान इस समय जेल में है। उनके खिलाफ कई केस चल रहे हैं। 9 मई, 2023 को इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई बिल्डिंग समेत एक दर्जन सैन्य ठिकानों पर तोड़फोड़ की थी। यहां तक कि रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय पर भी हमला किया गया था। जांच में पता चला था कि हमला इमरान के कार्यकर्ताओं ने ही किया था। अब इस मामले में इमरान समेत अन्य के खिलाफ केस चल रहा है। उन्हें इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
इस पूरे मामले में इमरान खान का कहना है कि हमले उन्होंने नहीं, बल्कि सेना ने ही किए हैं। यह पूरा हमला लंदन समझौते का हिस्सा था। दरअसल, इमरान का आरोप है कि पूर्व पीएम नवाज शरीफ सेना की नजरों में वापस आ गए हैं। वह इसके जरिए सत्ता में वापस आना चाहते हैं। सारी चीजें सोच-समझकर की गईं और उन्हें फंसाया गया, ताकि उनकी पार्टी सत्ता से बाहर हो जाए।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, पाकिस्तान की स्थापना के बाद से लेकर अबतक सेना सबसे ताकतवर संस्था रही है। यही वजह है कि यहां सैन्य सरकारें बनी हैं। इस आर्मी एक्ट में ऐसे प्रावधान रखे गए हैं कि इसके खिलाफ जाने वालों को कड़ी सजा और यहां तक कि मौत की सजा भी मिल सकती है। साल 1952 में बने आर्मी एक्ट के तहत सैन्यकर्मियों से लेकर आम लोगों पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है। इसकी धारा 59 कहती है कि अगर कोई देश के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है, या सेना या सुरक्षा बलों के खिलाफ हमला या साजिश रचता है, तो उसे उम्रकैद या मौत की सजा भी हो सकती है।
बता दें कि, इसी धारा के तहत भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई गई थी। सेना ने आरोप लगाया कि वे भारत की ओर से जासूसी कर रहे थे। इस धारा से पाकिस्तानी लोगों को भी नहीं बख्शा गया। उदाहरण के लिए, मानवाधिकार कार्यकर्ता इदरीस खट्टक को जासूसी के आरोप में 14 साल की सजा हुई। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सेना अधिनियम के ज़रिए निर्दोष लोगों को भी गिरफ़्तार करके सज़ा दी गई। इमरान के कार्यकाल में ही इस अधिनियम के तहत 20 नागरिकों को गिरफ्तार किया गया।
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