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India News (इंडिया न्यूज), North Korean Soldiers In Russia : यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने सोमवार को कहा कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन की घुसपैठ के खिलाफ लड़ते हुए 3,000 से अधिक उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए या घायल हुए हैं। प्योंगयांग ने रूसी सेना को मजबूत करने के लिए हजारों सैनिकों को भेजा है, जिसमें कुर्स्क सीमा क्षेत्र भी शामिल है, जहां यूक्रेन ने अगस्त में सीमा पर एक चौंकाने वाला आक्रमण किया था। वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक्स पर लिखा कि “प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, कुर्स्क क्षेत्र में मारे गए और घायल हुए उत्तर कोरियाई सैनिकों की संख्या पहले ही 3,000 से अधिक हो चुकी है”। दक्षिण कोरिया ने सोमवार को पहले कहा कि दिसंबर में युद्ध में प्रवेश करने के बाद से लगभग 1,100 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए या घायल हुए हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें कुर्स्क क्षेत्र की स्थिति पर सेना के कमांडर-इन-चीफ ओलेक्सांद्र सिर्स्की से एक रिपोर्ट मिली है और उन्होंने “उत्तर कोरिया द्वारा रूसी सेना को अतिरिक्त सैनिक और सैन्य उपकरण भेजने के जोखिम” के बारे में चेतावनी दी है। वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि विश्व को यह समझने की आवश्यकता है कि “मास्को और प्योंगयांग के बीच बढ़ते सहयोग” से “कोरियाई प्रायद्वीप के आसपास और पड़ोसी क्षेत्रों या जलक्षेत्रों में अस्थिरता का खतरा” बढ़ रहा है।
यूक्रेन की इस रोबोट सेना ने सितम्बर में अभियान के दौरान एक रूसी खाई को साफ किया था। ये रोबोट सेना काफी ज्यादा एडवांस है। रोबोट सेना में रिमोट नियंत्रित उड़ान सर्विलांस और माइन लेइंग ड्रोन, जमीन और हवा में एक तरफा विस्पोटक रोबोट के साथ ही बंदूक से लैस बॉट्स शामिल हैं। यूक्रेन की 13वीं नेशनल गार्ड ब्रिगेड के प्रवक्ता ने इसे एक प्रभावशाली तकनीकी उपलब्धि बताया, जिसमें एक छोटे से हिस्से पर एक साथ रोबोट और मानव रहित उपकरणों की दर्जनों इकाइयों का इस्तेमाल किया गया। रूस ने भी छोटे पैमाने के ग्राउंड बॉट हमलों का प्रयास किया है, लेकिन उसे कम सफलता मिली है।
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 34 महीने से चल रहा युद्ध अपने अंतिम समय में हैं। युद्ध के शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि रूसी सेना बड़ी आसानी से युक्रेनी सेना को खत्म कर देगी, कुछ हद तक ऐसा हुआ लेकिन युक्रेनी सेना ने अपने से ज्यादा ताकतवर सेना को दांतों तले चने चबवा दिए हैं। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कई मौर्चों पर रूसी सेना को जान और माल दोनों का भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन को अमेरिका और सहयोगी देशों से लगातार सैन्य मदद मिल रही है, जोकि पुतिन के लिए सिर्द बनी हुई है।
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