Written By: Ajeet Singh
PUBLISHED BY: Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : December 24, 2024, 6:24 pm ISTसंबंधित खबरें
कौन हैं आईपीएस अजय पाल शर्मा? जिन्हें योगी ने कुंभ में 45 करोड़ हिंदुओं की सुरक्षा की सौंपी है जिम्मेदारी
Maha Kumbh 2025: पहली बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात होगा अंडर वॉटर ड्रोन, जानें खासियत
महाकुम्भ को लेकर मेला पुलिस ने किए सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद प्रबंध, तीन स्तरीय चेकिंग के बाद ही मिलेगी एंट्री
'अगर जिंदा नहीं रहना…' खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नू को मौनी बाबा का बड़ा अल्टीमेटम,जानिए क्या है पूरा मामला
महाकुंभ से पहले पोस्टरबाजी,जगद्गुरु रामानंदाचार्य ने 'डरेंगे तो मरेंगे' के लगवाए पोस्टर, लिखा- सभी हिन्दुओं में एकता हो
नेपाल सीमा पर चरस तस्कर गिरफ्तार, लाखो रुपये की चरस बरामद
India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुंभ की तैयारियां सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं हो रही हैं, बल्कि इसका असर प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी पड़ने वाला है। महाकुंभ 2025 के मद्देनजर प्रयागराज के साथ ही अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, मिर्जापुर, लखनऊ में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने की संभावना है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन स्थानों पर भी बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए हैं।
40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना को देखते हुए इन सभी धार्मिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं। बुनियादी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, जिनमें यातायात व्यवस्था का विस्तार, आवास सुविधाओं का विकास, सफाई व पेयजल व्यवस्था, चिकित्सा सुविधाएं और सुरक्षा प्रबंधन शामिल हैं। प्रयागराज में त्रिवेणी संगम क्षेत्र, अयोध्या में राम मंदिर परिसर, वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और चित्रकूट में कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इन सभी धार्मिक स्थलों के लिए नगर विकास विभाग की ओर से करीब 65 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गई है। इसमें अयोध्या के लिए 12.41 करोड़, अयोध्या यूपीएसटीडीसी (उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम) के लिए 5.25 करोड़, मिर्जापुर के लिए 10.87 करोड़, चित्रकूट के लिए 4.85 करोड़, भदोही के लिए 1.38 करोड़ और लखनऊ के लिए 28.68 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गई है। प्रस्तावित बुनियादी सुविधाओं में अस्थायी आवासीय व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी और स्विस कॉटेज की स्थापना की जाएगी। वहीं, भोजन व्यवस्था के तहत अस्थायी रसोई की स्थापना प्रस्तावित है। प्रकाश व्यवस्था के तहत विद्युत सज्जा और मोबाइल जेनसेट की आपूर्ति की जाएगी, जबकि ठंड से बचाव के लिए हीटर और अलाव की व्यवस्था की जाएगी।
इसके अलावा स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, अस्थायी और मोबाइल शौचालय, सफाई के लिए मैनपावर और सौंदर्यीकरण के तहत पेंटिंग और वॉल पेंटिंग स्थल बनाने के कार्य किए जाएंगे। शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) निधि से किया जाएगा, जबकि अलाव और कंबल की व्यवस्था राजस्व विभाग के आपदा राहत प्रबंधन विभाग द्वारा की जाएगी। प्रकाश की जिम्मेदारी नगर निगम और नगर निकाय द्वारा की जाएगी, जबकि साइनेज की व्यवस्था पर्यटन, सूचना और लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाएगी।
विभिन्न व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा। समिति का उद्देश्य अस्थायी आवासीय व्यवस्था, टेंट सिटी व अन्य कार्यों के संबंध में निर्णय लेना होगा। समिति की अध्यक्षता संबंधित मंडलायुक्त करेंगे, जबकि समिति के सदस्यों में संबंधित जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी, संबंधित निकाय, यूपीएसटीडीसी लखनऊ द्वारा नामित अधिकारी शामिल होंगे। समिति परियोजनाओं के औचित्य, अपरिहार्यता व प्राक्कलन का मूल्यांकन करेगी। साथ ही क्रियान्वयन एजेंसी का भी चयन किया जाएगा।
टेंट व रसोई व्यवस्था के लिए यूपीएसटीडीसी को क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में चुना जाना है। साथ ही समिति अपनी स्पष्ट संस्तुति सहित प्रस्ताव तैयार करेगी, जिसे कुंभ मेला अधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। अंतिम अनुमोदन प्रक्रिया के तहत प्रस्ताव को शीर्ष समिति की बैठक में रखा जाएगा, जिसमें अनुमोदन के बाद महाकुंभ बजट से धनराशि आवंटित की जाएगी।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.