By: Nikita Chauhan
• LAST UPDATED : December 26, 2024, 3:37 pm ISTसंबंधित खबरें
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India News (इंडिया न्यूज), Ranthambore News: सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर की प्रसिद्ध बाघिन टी-84 ऐरोहेड व उसके शावकों का पिछले एक सप्ताह से रणथंभौर दुर्ग में मूवमेंट बना हुआ है, जिसके चलते वन विभाग ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर आने जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर त्रिनेट गणेश मंदिर मार्ग को पिछले 5 दिनों से बंद कर दिया था, जिसके कारण रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश दर्शनों को जाने वाले श्रद्धालुओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, आज एक बार फिर वन विभाग द्वारा त्रिनेत्र गणेश श्रद्धालुओं के प्रदर्शन के बाद गणेश मार्ग को फिर से खोल दिया गया है। रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर ट्रस्ट के प्रधान सेवक हिमांशु गौतम ने वन विभाग एंव जिला प्रशासन से जल्द से जल्द बाघिन को रणथंभौर दुर्ग से जंगल में भेजने की मांग की है, जिससे श्रद्धालुओं को फिर से नियमित त्रिनेत्र गणेश के दर्शन हो सके। अब रणथम्भौर दुर्ग में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू कर दिया गया है।
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गौरतलब है कि बाघिन ऐरोहेड व उसके शावक शुक्रवार शाम को रणथम्भौर दुर्ग में जा पहुंचे थे और रणथंभौर दुर्ग में बाघिन व उसके शावकों का मूवमेंट पद्मला तालाब, 32 खंभों की छतरी, लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बना हुआ था। वहीं वन विभाग की टीमें और बाघिन व उसके शावकों की मॉनिटरिंग कर रहा थी, जिसके बाद वन विभाग एंव त्रिनेत्र गणेश मंदिर ट्रस्ट ने रणथंभौर दुर्ग में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर किया था, जिसे अब एक बार फिर से शुरू कर दिया गया है।
गणेश मंदिर के प्राधन सेवक हिमांशु गौतम का कहना है कि रणथंभौर दुर्ग विश्व विरासत धरोहर में शामिल है और दुर्ग के रखरखाव के लिए करोड़ों का फंड आता है मगर पुरातत्व विभाग द्वारा बारिश में छतिग्रस्त हुई रणथंभौर दुर्ग की दीवार की ठीक नहीं करवाया जा रहा है, जिसके चलते बाघिन व उसके शावक टूटी हुई दीवार से रणथंभौर दुर्ग में प्रवेश कर जाते है और गणेश मंदिर आने जाने वाले श्रद्धालुओं की जान को भी खतरा रहता है।
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हालांकि अभी बाघिन का मूवमेंट रणथंभौर दुर्ग से निकलकर रणथंभौर नेशनल पार्क के जोन नम्बर दो में हो गया है, लेकिन एतिहात के दौर पर फिलहाल वन विभाग द्वारा रणथंभौर दुर्ग में वनकर्मियों की टीम तैनात रखी गई है, ताकि गणेश श्रद्धालुओं को कोई खतरा ना हो।
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