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India News (इंडिया न्यूज),Mozambique:दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका में स्थित छोटे से देश मोजाम्बिक में चुनाव में धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर तनाव जारी है। जेल में बंद कैदियों ने इस संघर्ष का फायदा उठाया है। पुलिस के मुताबिक देश में चल रहे राजनीतिक गतिरोध का फायदा उठाकर मोजाम्बिक की जेल से 1500 से ज्यादा कैदी भाग गए हैं। पुलिस प्रमुख बर्नार्डिनो राफेल ने मीडिया को बताया कि इस दौरान गार्डों के साथ झड़प में 33 कैदी मारे गए और 15 घायल हो गए। पुलिस ने करीब 150 भगोड़े कैदियों को फिर से पकड़ लिया है।
दरअसल, अक्टूबर में मोजाम्बिक में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, देश के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पुष्टि की कि सत्तारूढ़ फ्रीलीमो पार्टी ने चुनाव जीत लिया है। यह पार्टी 1975 से मोजाम्बिक पर शासन कर रही है। कोर्ट के इस फैसले के बाद देश में विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ हिंसा भी शुरू हो गई। जेल में बंद कैदियों ने हिंसा का फायदा उठाया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार को राजधानी मापुटो में जेल के पास सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों का एक समूह पहुंच गया था। कैदियों ने इसका फायदा उठाया और जेल की दीवारें फांदकर भाग निकले। अक्टूबर में हुए चुनावों के नतीजों के बाद से ही मोजाम्बिक में अशांति शुरू हो गई थी, जब आधिकारिक नतीजों में सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार डेनियल चैपो को राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित किया गया था। सोमवार को संवैधानिक न्यायालय के फैसले के बाद एक बार फिर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, हालांकि इस बार चैपो की जीत का अंतर कम हो गया।
Over 6,000 prisoners have escaped from a maximum security prison in Maputo, Mozambique.
They reportedly overpowered the prison guards and seized their AK-47 rifles. pic.twitter.com/V4pQ2w9xMv
— Africa Facts Zone (@AfricaFactsZone) December 25, 2024
अक्टूबर में हुए चुनाव नतीजों में कहा गया था कि डेनियल चैपो को 71 प्रतिशत वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी वेनांसियो मोंडलेन को 20 प्रतिशत वोट मिले। वहीं, न्यायालय ने अपने आदेश में इस अंतर को कम करते हुए फैसला सुनाया कि चैपो को 65 प्रतिशत और मोंडलेन को 24 प्रतिशत वोट मिले।दूसरी ओर देश छोड़कर भाग चुके विपक्षी नेता मोंडलेन लगातार अपने समर्थकों से विरोध करने की अपील कर रहे हैं, उनका दावा है कि मतदान में धांधली हुई है। सोशल मीडिया पर जारी संदेश में मोंडलेन ने कहा है कि अगर चुनाव के नतीजे नहीं बदले गए तो देश में एक नया विद्रोह शुरू हो जाएगा।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 1975 में फ्रीलीमो पार्टी के मोजाम्बिक में सत्ता में आने के बाद से राजधानी मापुटो में यह सबसे भीषण संघर्ष है। देशभर में फ्रीलीमो के दफ्तरों, पुलिस स्टेशनों, बैंकों और फैक्ट्रियों में लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी की कई घटनाएं सामने आई हैं। सोमवार को फिर से शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में महज 24 घंटे के अंदर 21 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, अक्टूबर में चुनाव नतीजों के बाद से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में अब तक करीब 150 लोगों की मौत हो चुकी है।
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