संबंधित खबरें
इंदौर का अनोखा भिखारी, दिन में भीख मांगते रात को होटल में आराम फरमाते, जानें क्या है पूरा मामला
Indore News: साइबर फ्रॉड से परेशान व्यापारी, अब उठाया ये बड़ा कदम
दिग्विजय सिंह फिर फंसे मुसीबत में, इस मामले में मिला 10 करोड़ का मानहानि नोटिस
लव जिहाद का गंभीर आरोप: युवती ने दोस्त और सहेली के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
खुले बोरिंग के गड्ढे में गिरा मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
जीवाजी यूनिवर्सिटी में EC मेंबर और कुलगुरु के बीच टकराव, PHD पेपर लीक का आरोप
सौरभ शर्मा की विवादित नियुक्ति पर उठे सवाल
India News (इंडिया न्यूज),Saurabh Sharma Case: मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, जिन पर लोकायुक्त, आयकर विभाग और ED पहले ही कार्रवाई कर रहे हैं, अब उनकी नौकरी से जुड़े दस्तावेजों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्वालियर के एक हाईकोर्ट एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने ग्वालियर SP को आवेदन देकर आरोप लगाया कि सौरभ शर्मा ने 2016 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति हासिल की थी।
फर्जी दस्तावेज का खुलासा
अवधेश तोमर का दावा है कि RTI के जरिए मांगे गए दस्तावेज विभाग ने यह कहकर नहीं दिए कि संबंधित फाइल ‘खो’ गई है। आरोप है कि सौरभ शर्मा ने फर्जी एफिडेविट और अन्य जाली दस्तावेजों का सहारा लेकर सरकारी नौकरी पाई और इसके जरिए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। एडवोकेट ने कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वह मामला हाईकोर्ट में ले जाएंगे।
करोड़ों की संपत्ति और राजनीतिक कनेक्शन
सौरभ शर्मा के ठिकानों पर हुई छापेमारी में ED और आयकर विभाग को करोड़ों रुपये की संपत्ति, सोना और चांदी बरामद हुए हैं। सूत्रों का दावा है कि सौरभ की नियुक्ति में दो पूर्व मंत्रियों की विशेष भूमिका रही। इतना ही नहीं, वह एक शराब ठेकेदार के साथ साझेदारी में भी शामिल था, जिसे भी राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ था।
खाने की जगह पत्नी बना रही थी रील, तभी पति ने लगाई फटकार तो ट्रेन के आगे कूदकर दे दी जान
जांच और FIR की मांग
अवधेश तोमर ने आवेदन में कहा कि सौरभ शर्मा के दस्तावेजों की निष्पक्ष जांच कराई जाए। यदि दोष सिद्ध होता है, तो नौकरी के दौरान अर्जित वेतन की वसूली होनी चाहिए और उस समय के ग्वालियर कलेक्टर, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर समेत संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच कर दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए।
ED की बड़ी कार्रवाई जारी
भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में ED की छापेमारी के बाद कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। ग्वालियर में छापेमारी का खास महत्व इसलिए है क्योंकि खुलासे के 9 दिन बाद कार्रवाई हुई। सूत्रों का दावा है कि जांच एजेंसियों को इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। यह मामला न केवल सौरभ शर्मा की नियुक्ति बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और राजनीतिक संरक्षण को भी उजागर करता है। अब देखना होगा कि जांच एजेंसियां इस ‘धन कुबेर’ के खिलाफ कब तक कार्रवाई पूरी करती हैं और किसे जिम्मेदार ठहराया जाता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.