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India News (इंडिया न्यूज), Chinese Espionage Operations: अमेरिका में अब कुछ ही दिनों में ट्रंप सत्ता संभालेंगे। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल शुरु होने के ठिक पहले ही चीन ने बड़ा खेला कर दिया है जिसकी वजह से दुनिया के सबसे ताकतवर देश में हंगामा मचा हुआ है। ये हलचल तब मची जब अमेरिका के व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चीनी जासूसी अभियान को लेकर बड़ा खुलासा किया।
अधिकारी ने दावा किया है कि चीन के जासूसी ऑपरेशन के जरिए नौवीं अमेरिकी टेलीकॉम कंपनी को हैक कर लिया गया है, जिसके चलते बीजिंग में बैठे अधिकारियों को कई अमेरिकियों के निजी संदेशों और फोन पर बातचीत की जानकारी मिल रही है।
व्हाइट हाउस के अधिकारी न्यूबर्गर के बयान से पहले बाइडेन प्रशासन ने कहा था कि ‘साल्ट टाइफून’ के नाम से मशहूर चीनी हैकिंग हमले से कम से कम 8 टेलीकॉम कंपनियां और दर्जनों देश प्रभावित हुए हैं। इन खबरों के बीच डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर ऐनी न्यूबर्गर ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि चीनी हमले से प्रभावित नौवीं टेलीकॉम कंपनी का पता चल गया है। अमेरिका में पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन 9 टेलीकॉम कंपनियों तक हैकर्स की पहुंच बड़ी चिंता का संकेत दे रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक हैकर्स ने टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क में सेंध लगाकर ग्राहकों के कॉल रिकॉर्ड हासिल किए और सीमित संख्या में लोगों की निजी बातचीत तक पहुंच बनाई। हालांकि एफबीआई ने सार्वजनिक रूप से किसी पीड़ित की पहचान नहीं की है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि वरिष्ठ अमेरिकी सरकारी अधिकारी और प्रमुख राजनीतिक हस्तियां उन लोगों में शामिल हैं जिनके फोन चीनी हैकरों द्वारा एक्सेस किए गए हैं।
न्यूबर्गर ने शुक्रवार को कहा कि अधिकारियों को अभी तक यह पता नहीं है कि साल्ट टाइफून से कितने अमेरिकी प्रभावित हुए हैं क्योंकि चीनी अपनी तकनीकों के बारे में सतर्क हैं, लेकिन इनमें से बड़ी संख्या में हैकिंग वाशिंगटन-वर्जीनिया क्षेत्र में हुई। अधिकारियों का मानना है कि हैकर्स का लक्ष्य यह पहचानना था कि फोन का मालिक कौन है और अगर वे सरकारी हितों के लक्ष्य हैं, तो उनके संदेशों और फोन कॉल्स की जासूसी करना।
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