होम / देश / पट्टा और रजिस्ट्री में क्या होता है अंतर? जानिए कैसे की जाती है पट्टा से सीधा रजिस्ट्री!

पट्टा और रजिस्ट्री में क्या होता है अंतर? जानिए कैसे की जाती है पट्टा से सीधा रजिस्ट्री!

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : December 30, 2024, 2:09 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

पट्टा और रजिस्ट्री में क्या होता है अंतर? जानिए कैसे की जाती है पट्टा से सीधा रजिस्ट्री!

Difference Between Lease & Registry: जानिए कैसे की जाती है पट्टा से सीधा रजिस्ट्री

India News (इंडिया न्यूज), Difference Between Lease & Registry: जमीन खरीदने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि वह किस प्रकार की है—पट्टा, रजिस्ट्री, या नोटरी। इन तीनों प्रकार की जमीनों के बीच में स्पष्ट अंतर है, और यही अंतर तय करता है कि आपके निवेश पर बाद में आपको कोई समस्या तो नहीं होगी। अक्सर लोग बिना पूरी जानकारी के जमीन खरीद लेते हैं, जिसके बाद उन्हें पछताना पड़ता है। इसलिए, किसी भी प्रकार की जमीन खरीदने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेना जरूरी है।

इस लेख में हम आपको पट्टा और रजिस्ट्री वाली जमीनों के बारे में विस्तार से बताएंगे, ताकि आप समझ सकें कि इनमें से कौन सी जमीन खरीदना आपके लिए सही हो सकता है।

पट्टे वाली जमीन क्या होती है?

पट्टे वाली जमीन ऐसी जमीन होती है, जो सरकारी संस्थाओं द्वारा किसी व्यक्ति या परिवार को दी जाती है, ताकि वे उस पर खेती, घर बनाने या अन्य किसी उद्देश्य से इस्तेमाल कर सकें। पट्टा, दरअसल, एक प्रकार का किराया होता है, जो व्यक्ति को सरकारी जमीन पर उपयोग करने का अधिकार देता है।

निकल कर आ गई सीएम नीतीश कुमार की कुंडली, बिहार में नेतृत्व बदलेगी भाजपा? ज्योतिषी ने बताई हर एक बात!

पट्टे वाली जमीन का मालिक कौन है?

यह ध्यान रखना जरूरी है कि पट्टे वाली जमीन का असली मालिक सरकार होती है। जिसे पट्टा दिया जाता है, वह केवल उस जमीन का उपयोग करने का अधिकार रखता है, लेकिन उसका मालिकाना हक नहीं होता। उदाहरण के लिए, यदि सरकार किसी भूमिहीन परिवार को जमीन पट्टे पर देती है, तो उस परिवार को उस पर कुछ समय तक रहने या काम करने का अधिकार होता है, लेकिन उस जमीन का मालिक वही परिवार नहीं होगा—वह हमेशा सरकार ही रहती है।

क्या पट्टे वाली जमीन खरीदी जा सकती है?

पट्टे वाली जमीन को किसी अन्य व्यक्ति को बेचना या ट्रांसफर करना संभव नहीं होता। इसके अलावा, पट्टे का नवीनीकरण समय-समय पर करना पड़ता है, और यह सरकार के नियमों और शर्तों के अनुसार होता है। पट्टे वाली जमीन पर किसी भी प्रकार के निर्माण या बदलाव के लिए भी अनुमति सरकार से प्राप्त करना जरूरी होता है।

81 साल पहले सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों की नाक के नीचे पहली बार फहराया था तिरंगा, इसके बाद अंडमान बन गया भारत का हिस्सा

इसलिए, यदि आप पट्टे वाली जमीन खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि वह जमीन वाकई में व्यापारिक उद्देश्यों के लिए कानूनी रूप से ट्रांसफर की जा सकती है या नहीं। अधिकांश मामलों में पट्टे वाली जमीन को दूसरे व्यक्ति को बेचना संभव नहीं होता है, और न ही उस पर कोई स्थायी निर्माण किया जा सकता है।

रजिस्ट्री वाली जमीन क्या होती है?

रजिस्ट्री वाली जमीन वह जमीन होती है, जिस पर मालिक का पूरा अधिकार होता है। जब किसी व्यक्ति को किसी जमीन का रजिस्ट्री द्वारा मालिकाना हक मिलता है, तो वह पूरी तरह से उस जमीन का मालिक बन जाता है। इस प्रक्रिया में विक्रेता और खरीदार दोनों के दस्तावेजों की प्रमाणिकता की जांच होती है और गवाह भी उपस्थित रहते हैं।

रजिस्ट्री की प्रक्रिया

रजिस्ट्री के दौरान विक्रेता जमीन को बेचने के लिए अपने अधिकारों को हस्तांतरित करता है, और यह प्रक्रिया सार्वजनिक रिकॉर्ड के रूप में दर्ज होती है। रजिस्ट्री होने के बाद, क्रेता को उस जमीन पर पूरा अधिकार मिल जाता है, और वह उसे किसी अन्य व्यक्ति को बेच भी सकता है।

‘दुबई में 150 करोड़ का विला…’ पोस्ट थर्ड ग्रेड वाली और संपत्ति राजा-महाराजाओं वाली, पूर्व परिवहन कांस्टेबल की दौलत जान उड़ जाएंगे होश

रजिस्ट्री के बाद जमीन का मालिक अब वह व्यक्ति बन जाता है, और उसके पास सभी अधिकार होते हैं—जैसे कि जमीन पर निर्माण करना, उसमें कोई बदलाव करना, या उसे बेचना। रजिस्ट्री वाली संपत्ति की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें मालिक का पूरा और स्थायी अधिकार होता है, और इस पर किसी अन्य व्यक्ति का कोई दावा नहीं होता।

रजिस्ट्री से संबंधित ध्यान देने योग्य बातें:

  • रजिस्ट्री का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसके तहत खरीदार को किसी अन्य व्यक्ति से जमीन पर मालिकाना हक नहीं मिलेगा।
  • रजिस्ट्री होने पर खरीदार को मरम्मत, रखरखाव, और अन्य जिम्मेदारियां भी पूरी करनी होती हैं।
  • रजिस्ट्री को मान्यता प्राप्त कानूनी दस्तावेज माना जाता है, जो यह प्रमाणित करता है कि जमीन अब खरीदार की है।

नोटरी वाली जमीन क्या होती है?

नोटरी की प्रक्रिया में केवल जमीन के दस्तावेजों को नोटरी से प्रमाणित किया जाता है, न कि मालिकाना हक का ट्रांसफर। इस प्रकार की जमीनों का प्रचलन सामान्यतः उस समय होता है जब संपत्ति का कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं होता। नोटरी केवल एक प्रकार से कानूनी दस्तावेजों की प्रमाणिकता को सुनिश्चित करती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि इस पर मालिकाना हक किसी और के पास हो गया है।

‘नए साल का जश्न मनाने वाले गुनहगार…’, मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रिजवी ने जारी किया फतवा, मुस्लिम नवयुवक-युवतियों को दी सख्त हिदायत

यदि आप जमीन खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो यह बेहद महत्वपूर्ण है कि आप सही प्रकार की जमीन का चुनाव करें। रजिस्ट्री वाली जमीन में आपको पूरी सुरक्षा और मालिकाना हक मिलता है, जबकि पट्टे वाली जमीन पर सरकारी नियंत्रण होता है और उस पर किसी अन्य व्यक्ति को बेचने का अधिकार नहीं होता। नोटरी वाली जमीन को लेकर भी कई जटिलताएं हो सकती हैं, क्योंकि यह केवल दस्तावेजों की प्रमाणिकता होती है, न कि वास्तविक मालिकाना हक।

अंततः, यदि आप घर, मकान या दुकान खरीदने का सोच रहे हैं, तो रजिस्ट्री वाली संपत्ति हमेशा सुरक्षित विकल्प होती है। पट्टे वाली जमीन खरीदने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी लेना और उसके कानूनी पहलुओं को समझना जरूरी है। इस तरह की जमीन खरीदने में जोखिम हो सकता है, इसलिए सोच-समझ कर ही कोई फैसला लें।

देश में मौसम का हाल हुआ बेहाल, पहाड़ों पर बर्फबारी, शीतलहर, कड़ाके की ठंड, जानें आज का मौसम कैसे मचाएगा बवाल!

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

प्रयागराज महाकुंभ में सिक्किम की जनता को किया गया आमंत्रित, योगी के मंत्रियों ने दिया निमंत्रण
प्रयागराज महाकुंभ में सिक्किम की जनता को किया गया आमंत्रित, योगी के मंत्रियों ने दिया निमंत्रण
नागा संन्यासियों के श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े ने किया छावनी प्रवेश, भगवान सूर्य की धर्म ध्वजा लेकर निकाली यात्रा
नागा संन्यासियों के श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े ने किया छावनी प्रवेश, भगवान सूर्य की धर्म ध्वजा लेकर निकाली यात्रा
कौन लेगा जस्टिन ट्रूडो की जगह? ये हैं तीन संभावित दावेदार
कौन लेगा जस्टिन ट्रूडो की जगह? ये हैं तीन संभावित दावेदार
जारी रहेगा अनशन… नई जगह जल्द बताएंगे; जेल से बहार आते ही प्रशांत किशोर ने भरी हुंकार
जारी रहेगा अनशन… नई जगह जल्द बताएंगे; जेल से बहार आते ही प्रशांत किशोर ने भरी हुंकार
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने दिया इस्तीफा, कहा-कनाडा के इतिहास में सबसे लंबे समय तक…, क्या भारत के लिए है खुशखबरी ?
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने दिया इस्तीफा, कहा-कनाडा के इतिहास में सबसे लंबे समय तक…, क्या भारत के लिए है खुशखबरी ?
मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक बढ़ी, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद से जुड़ा है मामला
मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक बढ़ी, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद से जुड़ा है मामला
दुनिया के सबसे ताकतवर देश से किम जोंग ने लिया पंगा! बैलिस्टिक मिसाइल दाग मचाई तबाही, ट्रंप लेंगे बदला?
दुनिया के सबसे ताकतवर देश से किम जोंग ने लिया पंगा! बैलिस्टिक मिसाइल दाग मचाई तबाही, ट्रंप लेंगे बदला?
रोड़ी कम होने पर मिस्त्री ने टोका, गुस्साए चालक ने चढ़ा दी ट्रैक्टर, वजह जानकर उड़ जाएंगे आपके होश
रोड़ी कम होने पर मिस्त्री ने टोका, गुस्साए चालक ने चढ़ा दी ट्रैक्टर, वजह जानकर उड़ जाएंगे आपके होश
फास्ट फूड के ठेलों पर बिक रहा है मौत का सामान! प्रशासन के आदेशों के बाद भी हो रही है अनदेखी..
फास्ट फूड के ठेलों पर बिक रहा है मौत का सामान! प्रशासन के आदेशों के बाद भी हो रही है अनदेखी..
ऑस्ट्रेलियाई में भारी परेशानी में फंस गए भारतीय खिलाड़ी, नहीं आ पा रहे हैं देश, सीरीज में मिली थी हार
ऑस्ट्रेलियाई में भारी परेशानी में फंस गए भारतीय खिलाड़ी, नहीं आ पा रहे हैं देश, सीरीज में मिली थी हार
‘व्यर्थ नहीं जाएगा जवानों का बलिदान’, छत्तीसगढ़ नक्सली हमले पर बोले अमित शाह
‘व्यर्थ नहीं जाएगा जवानों का बलिदान’, छत्तीसगढ़ नक्सली हमले पर बोले अमित शाह
ADVERTISEMENT