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आज सफेद नहीं काला हो जाएगा चांद, भयानक होगा जमीन से लेकर आसमान तक का नजारा, जानें क्यों धरती पर आई ऐसी आफत?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : December 30, 2024, 3:00 pm IST
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आज सफेद नहीं काला हो जाएगा चांद, भयानक होगा जमीन से लेकर आसमान तक का नजारा, जानें क्यों धरती पर आई ऐसी आफत?

Black Moon: आज दिखेगी वो भयानक रात जब आसमान नहीं बल्कि चांद भी हो जाएगा काला

India News (इंडिया न्यूज), Black Moon: 30 दिसंबर, 2024 को एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटने जा रही है, जिसे “ब्लैक मून” के आगमन के रूप में जाना जाता है। यह घटना एक कैलेंडर महीने में दूसरे नए चंद्रमा के रूप में घटेगी, जो हर दो से तीन साल में एक बार होती है। इस नए चंद्रमा का अधिकतम बिंदु सोमवार को शाम 5:27 बजे (ईएसटी) होगा, जैसा कि यूएस नेवल ऑब्जर्वेटरी ने सत्यापित किया है।

ब्लैक मून: क्या है यह दुर्लभ घटना?

ब्लैक मून तब होता है, जब चाँद के प्रकाश का कोई हिस्सा पृथ्वी की ओर नहीं आता और वह पूरी तरह से सूर्य के साथ आकाश में समाहित हो जाता है। इससे चाँद पृथ्वी से अदृश्य हो जाता है। इसका कारण यह है कि नया चाँद सूर्य के साथ एक सीधी रेखा में होता है, जिससे चाँद के प्रकाशित हिस्से का सूर्य की तरफ मुड़ जाना और पृथ्वी से न दिखाई देना होता है। चाँद और सूर्य का यह संरेखण उस दिन सूर्योदय के आस-पास होता है, जिसके कारण सूर्य की तेज़ रोशनी चाँद को देखने से रोकती है।

ब्लैक मून को नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता है, लेकिन यह आकाश में तारों की दृश्यता को बढ़ा देता है। चाँद की रोशनी की अनुपस्थिति से तारों का चमकना अधिक स्पष्ट हो जाता है, जिससे आकाशीय पिंडों को देखने वाले दर्शकों के लिए एक शानदार दृश्य प्रदान होता है।

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ब्लैक मून के प्रभाव

1. ज्वार पर प्रभाव

जब चाँद और सूर्य एक ही लाइन में होते हैं, तो दोनों का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के महासागरों पर अधिक प्रभाव डालता है, जिससे असामान्य रूप से उच्च ज्वार आते हैं। इस समय समुद्रों में ज्वार का स्तर बहुत अधिक बढ़ सकता है, जिसे “सुपर टाइड्स” कहा जाता है।

2. उल्का वर्षा पर प्रभाव

चाँद की रोशनी अक्सर उल्का वर्षा को छिपा देती है, क्योंकि इसकी तेज़ रोशनी आकाश के बाकी हिस्सों में होने वाली घटनाओं को ढक देती है। हालांकि, नया चाँद इन समस्याओं को समाप्त करता है, और इससे उल्का वर्षा का दृश्य और भी स्पष्ट हो जाता है। यह वह समय होता है जब हम आकाशीय पिंडों को बेझिजक तरीके से देख सकते हैं, क्योंकि चाँद की रोशनी से कोई विघ्न नहीं आता है।

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ब्लैक मून और ब्लू मून में अंतर

ब्लैक मून और ब्लू मून में अंतर है। जबकि ब्लू मून तब होता है जब किसी कैलेंडर महीने में दो पूर्णिमाएँ होती हैं (जो नंगी आँखों से स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं), ब्लैक मून दृश्य दृष्टि से बिल्कुल अलग होता है। ब्लैक मून की घटना सूर्य और चाँद के संरेखण के कारण चाँद अदृश्य हो जाता है, जिससे इसे बिना किसी तकनीकी सहायता के देखा नहीं जा सकता है।

ब्लैक मून का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व

ब्लैक मून चंद्र पौराणिक कथाओं में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। द ओल्ड फ़ार्मर्स अल्मनैक के अनुसार, ब्लैक मून को ऐसे मौसम में तीसरे नए चाँद के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें चार नए चाँद होते हैं। यह स्थिति तब भी उत्पन्न होती है जब कोई कैलेंडर महीना बिना नए चाँद के होता है, जो अत्यंत दुर्लभ है। यह घटना लगभग हर 19 वर्षों में एक बार होती है, और अगला ऐसा अवसर 2033 में देखने को मिलेगा।

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ब्लैक मून को देखने का आदर्श तरीका

ब्लैक मून के बाद चाँद के बढ़ने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। 30 दिसंबर के बाद चाँद पश्चिमी आकाश में सूर्यास्त के तुरंत बाद पतले अर्धचंद्र के रूप में दिखाई देगा। हालांकि, ब्लैक मून की घटना को सीधे देखना संभव नहीं है, लेकिन इसके बाद आकाश में बढ़े हुए चाँद को देखना एक अलग अनुभव होगा।

भविष्य में ब्लैक मून

अगला ब्लैक मून अगस्त 2025 में होगा, जो चार सीज़न के तीसरे नए चाँद के रूप में चिह्नित होगा। यह घटना फिर से खगोल विज्ञान के शौक़ीनों के लिए एक आकर्षक अवसर होगी।

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30 दिसंबर, 2024 को होने वाला ब्लैक मून न केवल एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, बल्कि यह चंद्रमा और सूर्य के प्रभावों को समझने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस दिन चाँद तो दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसके प्रभाव, जैसे कि ज्वार में वृद्धि, उल्का वर्षा के बेहतर दृश्य, और तारों की चमक में वृद्धि, इसे एक अद्वितीय खगोलीय घटना बनाती है। जो लोग इसे सीधे नहीं देख सकते, उनके लिए यह आकाशीय घटनाएँ अलग तरीके से देखने का एक अवसर प्रदान करती हैं।

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