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India News (इंडिया न्यूज), Top Indian Missiles: अगर दुनिया के बड़े-बड़े देश हथियारों के मामले में आगे निकल रहे हैं तो भारत के पास भी कुछ कम हथियार नहीं हैं। वहीं बात अगर मिसाइलों की हो तो भारत इसमें भी किसी से पीछे नहीं है। दुनिया की सभी बड़ी सेनाओं के पास अपनी जरूरत के हिसाब से चार तरह की मिसाइलें इस्तेमाल में हैं। भारत के पास भी ये चार तरह की मिसाइलें हैं। इनमें पहली है सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल। इसमें बैलिस्टिक, क्रूज, एंटी शिप, एंटी टैंक मिसाइलें शामिल हैं।
दूसरी तरह की मिसाइल हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। इसमें सतह पर मौजूद लक्ष्य पर हवा से हमला किया जाता है। तीसरी मिसाइल सतह से हवा में मार करने वाली होती है। इसे एंटी बैलिस्टिक मिसाइल भी कहते हैं। और चौथी श्रेणी की मिसाइलों में हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और एंटी सैटेलाइट हथियार शामिल हैं।
भारतीय सेना मिसाइलों से पूरी तरह लैस है। दुनिया की हर बड़ी सेना की तरह यह भी बेहद ताकतवर सेना है। इसके पास मिसाइलों का बड़ा भंडार है जिसमें कई तरह की मिसाइलें शामिल हैं।
इस मिसाइल को नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजी, विशाखापत्तनम और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने मिलकर विकसित किया है। इसे मुख्य रूप से समुद्र में मौजूद जहाजों से दागा जाता है। बेहद उच्च तकनीक से लैस यह पानी के अंदर हमला करने के लिए बेहद कारगर हथियार है। यह पानी के अंदर 40 किलोमीटर तक हमला कर सकता है। यह अपने साथ 250 किलोग्राम विस्फोटक ले जा सकता है।
भारत के पास क्रूज मिसाइल श्रेणी में कई तरह की मिसाइलें हैं। इनमें ब्रह्मोस, निर्भय, ब्रह्मोस-2 और एक्सोसेट शामिल हैं। ब्रह्मोस को भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है। यह दुनिया की सबसे बेहतरीन मिसाइलों में से एक है। यह मैक-7 की गति से 300 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन को तबाह कर सकती है, जो ध्वनि की गति से सात गुना तेज है। निर्भय को डीआरडीओ ने विकसित किया है। एक्सोसेट को फ्रांस ने विकसित किया है। यह 40 से 180 किलोमीटर की रेंज वाली एंटी-शिप क्रूज मिसाइल है।
सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के मामले में भारत दुनिया के विकसित देशों के बराबर है। इसमें प्रहार, पृथ्वी, पृथ्वी-1, पृथ्वी-2, पृथ्वी-3, शौर्य और अग्नि सीरीज की मिसाइलें हैं। इन सभी मिसाइलों की रेंज अलग-अलग है और ये सभी अलग-अलग परिस्थितियों में सटीक हमला करने के लिए जानी जाती हैं। ये मिसाइलें 100 किलोमीटर से लेकर 5000 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन को पानी पीने पर मजबूर कर सकती हैं। धनुष मिसाइल इसी श्रेणी में आती है। जो पृथ्वी मिसाइल का नौसैनिक संस्करण है।
आकाश, आकाश MK1S, त्रिशूल और बराक सीरीज की मिसाइलें इस श्रेणी में आती हैं। इन मिसाइलों का मुख्य उद्देश्य समय रहते देश की जमीन की ओर बढ़ रहे दुश्मन के लड़ाकू विमानों और मिसाइलों को मार गिराना है। इनमें से आकाश और त्रिशूल को भारत में ही विकसित किया गया है, जबकि बराक सीरीज की मिसाइलों को इजरायल के सहयोग से विकसित किया गया है।
इनमें नाग, हेलिना और अमोघा 1 शामिल हैं। इन सभी मिसाइलों की खासियत यह है कि ये बेहद हल्की हैं और आसमान में दुश्मन के विमानों को मार गिराने के लिए दागी जाती हैं।
के सीरीज – भारत ऐसी मिसाइलें भी विकसित कर रहा है जिन्हें पनडुब्बी से दागा जा सके। इसका नाम महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में रखा गया है। के-सीरीज अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलें हैं जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। इसकी रेंज 6000 किलोमीटर से भी ज्यादा है। नौसेना में शामिल होने के बाद इस मिसाइल को आईएनएस अरिहंत पर तैनात किया जाएगा।
इन प्रमुख मिसाइलों के अलावा भारतीय सेनाओं के पास सागरिका, बराक-1 और बराक-8, पृथ्वी डिफेंस सिस्टम, पृथ्वी डिफेंस व्हीकल, एडवांस्ड एयर डिफेंस आदि कई अन्य प्रकार की मिसाइलें हैं।
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