संबंधित खबरें
डिजिटल ठगी का शातिर खेल,ED अधिकारी की 81 वर्षीय प्रोफेसर से 75 लाख की ठगी
महिला टीचर्स की बच्चों के साथ गंदी हरकत! Video भी बनाई गई
नोएडा में अब जिम-पूल और योगा सेंटर में रखना होगा महिला ट्रेनर, निर्देश न मानने पर होगी कार्रवाई
दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मिले CM योगी, तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर हुई चर्चा
यूपी में उद्यमिता का सुनहरा भविष्य तैयार कर रही योगी सरकार, मिल रही वित्तीय मदद और मार्गदर्शन
महाकुंभ में बन रहे 30 पौराणिक तोरण द्वार, श्रद्धालुओं को कराएंगे देवलोक की अनुभूति
India News (इंडिया न्यूज़), lucknow family murder: लखनऊ सामूहिक हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। पुलिस को मिली वसीयत ने पूरी कहानी को उलझा दिया है। पिता बदर ने 10 महीने पहले वसीयत लिखी थी। जानिए पिता बदरुद्दीन ने वसीयत में किसका नाम लिखा था।
सामूहिक हत्याकांड का मुख्य आरोपी अरशद जेल भेज दिया गया है। बदर की तलाश में बहरीन का पिता बदरुद्दीन नाइक यूपी में है। पुलिस हत्याकांड में पिता के झगड़े की बात भी कह रही है। लेकिन, पुलिस को मिली वसीयत ने पूरी कहानी को उलझा दिया है। कहीं न कहीं बेटों की करतूत भी थी।
बदर ने 10 महीने पहले अपनी वसीयत लिखी थी। इसमें भी काफी कुछ बताया गया है। एक तरफ वह बेटे से दूर नजर आ रहा है, वहीं दूसरी तरफ बेटी से प्यार भी झलक रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि बेटी के नाम संपत्ति करने वाले पिता ने बेटे का साथ क्यों दिया? क्या उसकी कोई मजबूरी थी? पुलिस इसकी जांच कर रही है।
यमुना पुलिस को वसीयत की कॉपी मिल गई है। बदर ने 24 फरवरी 2024 को एत्मादपुर तहसील में वसीयत कराई थी। उसमें लिखा था कि उम्र 52 साल हो गई है। इस बेबुनियाद जिंदगी में कोई भरोसेमंद व्यक्ति नहीं है। अल्ट्रासाउंड भी नहीं बता सकता कि कब मरूंगा।
मेरा एक बेटा अरशद निकी असद है, जो तलाकशुदा था, अब तलाकशुदा है। मेरी चार बेटियां रहमीन, अक्सा, अलशिफा और आलिया हैं। उम्र 19, 17, 14 और 8 साल। इनमें से किसी की शादी नहीं हुई है। बेटियां मेरी हर तरह से सेवा करती हैं। मुझे किसी तरह की कोई परेशानी या परेशानी नहीं हो रही है।
मुझे भी दिल से बहुत स्नेह और प्यार है। मैं बिना किसी दबाव के अपनी बेटी के नाम से मकान मालिक को यह कर रहा हूं जो विशेष उपयोगी सेवा से खुश है। वसीयत में यह भी लिखा है कि जब तक वह जीवित है, वह मकान मालिक रहेगा। उसकी मौत के बाद बेटियों ने भूमिका निभाई। वसीयत में यह भी लिखा है कि बेटे असद का कोई संबंध नहीं है। उसने इस वसीयत को पहली और आखिरी होने का दावा भी किया है।
ट्रांस यमुना थाना पुलिस की जांच में पता चला है कि बदर ने बेटे की हरकतों से परेशान होकर ही वसीयत बनवाई थी। एक जनवरी को मकान के कुछ हिस्से का सौदा किया था। 14 फरवरी को रजिस्ट्री हुई थी। इसके बाद से ही अरशद झगड़ने लगा था। पिता से विवाद चल रहा था। इसी बात को लेकर उसने 24 फरवरी को वसीयत बनवाई थी। इसमें उसकी मौत के बाद मकान पर बेटी का हक माना गया था।
बाबा महाकाल के भस्मारती दर्शन, भांग, काजू, बादाम, किशमिश और चंदन से अलौकिक श्रृंगार एक दिव्य अनुभव
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.