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India News (इंडिया न्यूज), Shadashtak Yoga: वास्तविक जीवन में ज्योतिष शास्त्र के महत्व को समझते हुए, हाल ही में शुक्र और मंगल के एक दुर्लभ षडाष्टक योग के प्रभाव को लेकर चर्चा हो रही है। 4 जनवरी, 2025 से शुक्र और मंगल की स्थिति में ऐसा बदलाव आया है, जो तीन प्रमुख राशियों के लिए गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। शुक्र ग्रह छठे भाव में और मंगल ग्रह आठवें भाव में स्थित हुए हैं, जिसके कारण ये दोनों ग्रह एक-दूसरे से 150 डिग्री की दूरी पर आकर षडाष्टक योग बना रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह योग अच्छे परिणामों की ओर नहीं इशारा करता और इन तीन राशियों के जातकों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, शुक्र ग्रह भौतिक सुख, प्रेम, सौंदर्य और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं, जबकि मंगल ग्रह साहस, शक्ति और आक्रामक ऊर्जा का प्रतीक है। जब ये दोनों ग्रह एक-दूसरे से विपरीत ऊर्जा में होते हैं, तो उनके बीच संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में आर्थिक संकट, करियर में अस्थिरता और रिश्तों में तनाव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। विशेष रूप से धन के मामलों में यह योग अनावश्यक खर्च और आर्थिक अस्थिरता का कारण बन सकता है।
वैसे तो यह योग किसी भी राशि के लिए शुभ नहीं हैं लेकिन, इस योग का प्रभाव सबसे अधिक तीन राशियों – वृषभ, सिंह और वृश्चिक पर देखा जाएगा। इन राशियों के जातकों को इस समय कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जो उनके जीवन को मुश्किल बना सकती हैं।
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का स्वामित्व होता है, और षडाष्टक योग के प्रभाव में आने पर इस राशि के जातकों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अनावश्यक खर्चों के कारण इनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। इस योग के कारण निवेश में नुकसान और अत्यधिक खर्च हो सकता है, जिससे तंगहाली का दौर शुरू हो सकता है। इसके साथ ही, प्रेम संबंधों और दांपत्य जीवन में भी तनाव बढ़ सकता है। छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होने की संभावना है, और यह स्थिति मानसिक तनाव का कारण बन सकती है। इसके अलावा, त्वचा और रक्तचाप संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। आर्थिक निर्णय सोच-समझ कर लें और फिजूलखर्ची से बचें।
सिंह राशि के लिए मंगल एक शुभ ग्रह माना जाता है, लेकिन इस समय षडाष्टक योग के कारण इनका करियर प्रभावित हो सकता है। सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ मतभेद और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके कारण कार्यस्थल पर अस्थिरता और संघर्ष हो सकता है। व्यक्तिगत संबंधों में भी गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं। परिवार और दोस्तों के साथ तनावपूर्ण स्थिति हो सकती है, जिससे मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ेगा। अचानक होने वाले खर्चों के कारण वित्तीय दबाव भी बढ़ सकता है। शारीरिक सेहत पर भी असर पड़ सकता है। इस समय शांति बनाए रखने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करना लाभकारी होगा।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह समय भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मंगल इस राशि का स्वामी है, और शुक्र-मंगल का षडाष्टक योग जातकों के भावनात्मक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। क्रोध और आवेग पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो सकता है, जो मानसिक तनाव का कारण बनेगा। इसके अलावा, वित्तीय मामलों में धोखाधड़ी और साइबर फ्रॉड जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे धन हानि का खतरा है। इस समय निवेश और उधारी से बचने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य की बात करें तो पेट और जननांगों से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो इलाज पर भारी खर्च का कारण बन सकती हैं। इस स्थिति में योग और प्राणायाम के माध्यम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित रखना आवश्यक होगा।
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