India News (इंडिया न्यूज़),Sambhal Police Station: संभल में जामा मस्जिद के सामने बन रही पुलिस चौकी के निर्माण को लेकर चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है। अब पुलिस चौकी की जमीन वक्फ बोर्ड को दान करने का दावा खारिज हो गया है। सत्यव्रत पुलिस चौकी को लेकर मोहम्मद खालिद ने एसपी संभल को हलफनामा दिया है। इस हलफनामे के मुताबिक सत्यव्रत पुलिस चौकी सरकारी जमीन पर बन रही है और सत्यव्रत पुलिस चौकी की जमीन पर दावेदार और उसके परिवार का कोई मालिकाना हक नहीं है।
पुलिस चौकी के निर्माण से शांति व्यवस्था बनी रहेगी
जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी के निर्माण से शांति व्यवस्था बनी रहेगी और सत्यव्रत पुलिस चौकी की जमीन कभी भी वक्फ की संपत्ति नहीं थी और न ही है। संभल की शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी को वक्फ की संपत्ति बताया जा रहा था। शपथ पत्र में बताया गया कि मोहम्मद खालिद पुत्र अब्दुल वासे उम्र करीब 90 वर्ष मकान नंबर 300 मोहल्ला मियां सराय निकट बंगी शाह अजीजुल्लाह वजी मस्जिद संभल तहसील व जिला संभल के निवासी हैं। वह करीब 10 वर्षों से घुटने की बीमारी से ग्रसित हैं और चलने में असमर्थ हैं।
शपथ पत्र में क्या कहा गया…
शपथ पत्र में कहा गया है कि शाही जामा मस्जिद संभल के सामने जिस स्थान पर पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है, शपथ पत्र काफी समय पहले उस स्थान की देखभाल उनके पूर्वजों के बताए अनुसार करता था, लेकिन जैसे ही मुझे पता चला कि यह सरकारी जमीन है तो मैंने इसकी देखभाल करना बंद कर दिया। अब मेरा या मेरे परिवार का चौकी की जमीन से कोई लेना-देना नहीं है। यह सरकारी जमीन है जो सार्वजनिक कार्य के लिए खाली पड़ी थी। शपथ पत्र में कहा गया है कि मुझे पता चला है कि वास्तव में यह जमीन सरकार की है और इस पर पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है।
इससे मैं और मेरा परिवार खुश हैं। चौकी बनने से सभी वर्ग के लोगों को सुविधा मिलेगी। चौकी की जमीन पर न तो मेरा और न ही मेरे परिवार का कोई हक है और न ही भविष्य में होगा। साक्षी का कहना है कि चौकी की जमीन पर न तो मेरा और न ही मेरे परिवार का वर्तमान में कोई दावा है और न ही भविष्य में होगा। यदि कोई व्यक्ति या संस्था इस जमीन पर दावा करती है तो यह गलत होगा। क्योंकि पहले मैं और मेरे पिता स्वर्गीय अब्दुल वासे और दादा स्वर्गीय अब्दुल समद इसकी देखभाल करते थे। लेकिन यह हमारी निजी संपत्ति नहीं है बल्कि यह सार्वजनिक उपयोग के लिए सरकारी जमीन है।
मैं और मेरा परिवार चौकी के निर्माण से पूरी तरह सहमत हैं
उन्होंने कहा कि मुझे उक्त चौकी के निर्माण से कोई आपत्ति नहीं है, बल्कि मैं और मेरा परिवार चौकी के निर्माण से पूरी तरह सहमत हैं। चौकी के निर्माण से शांति और व्यवस्था कायम रहेगी। चौकी की उक्त जमीन पूर्व में वक्फ संपत्ति नहीं थी और न ही मुझे मेरे पूर्वजों द्वारा कभी इसकी जानकारी दी गई और न ही मेरा कोई मालिकाना हक है।
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