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India News (इंडिया न्यूज), Canada: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने जनता और अपनी पार्टी का जबरदस्त विरोध झेलने के बाद फाइनली सोमवार ( 6 जनवरी) को इस्तीफा दे दिया है। जस्टिन ट्रूडो ने अपने कार्यकाल में कई ऐसी गलतियां की हैं। जिसकी कीमत कनाडा की जनता को चुकानी पड़ सकती है। कनाडा के पीएम बने रहने के लिए दुनिया के सबसे बड़े मार्केट और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत से पंगा लिया। जस्टिन ट्रूडो ने पीएम बने रहने के लिए खालिस्तानियों पर खूब प्यार लुटाया।इतना सब करन के बाद भी ट्रूडो के हाथ कुछ नहीं आया और उन्हे अपने पग से इस्तीफा देना पड़ा।
अब जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तानी आतंकियों को समर्थन देने की कीमत वहां की जनता को चुकानी पड़ सकती है। बता दें की कनाडा में कट्टरपंथी मुस्लिम चरमपंथ पनपने लगे हैं।सबस खास बात ये है कि इसमें भारत के दूश्मन पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की हाथ बताया जा रहा है।देश में जगह-जगह आतंकी संगठनों के पोस्टर लगे हैं। हिज्ब-उत-तहरीर नाम का एक संगठन कनाडा में खुलेआम एक बड़ा आयोजन करने जा रहा है।
इसके पीछे आईएसआई का हाथ बताया जा रहा है। जस्टिन ट्रूडो ने जो आजादी खालिस्तानी आतंकियों को दी उसे देखते हुए कई आतंकी संगठन भी चाहते हैं कि धीरे-धीरे कनाडा में उनका दबदबा बढ़े। इसलिए आतंकी संगठनों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के जरिए खालिस्तानी आतंकियों से संपर्क साधा। धीरे-धीरे इसने कनाडा के अलग-अलग जगहों पर अपने लोगों को बसा लिया। अब यह संगठन मिसिसॉगा, कनाडा में पहली बार खुले इस्लामी आंदोलन की शुरुआत करने जा रहा है।
हिज्ब उत-तहरीर को यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और कई अन्य देश आतंकवादी संगठन मानते हैं। हालांकि, कनाडा में यह समूह सीधे अपने नाम से काम नहीं करता बल्कि किसी और नाम से काम करता है। इसी वजह से इसे कॉन्फ्रेंस जैसे सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मिलती है।यह समूह खुद को बहुत ही बौद्धिक बताता है और उसी तरह से काम करता है। उदाहरण के लिए, यह समूह कॉन्फ्रेंस आयोजित करता है। कॉन्फ्रेंस के दौरान कट्टरपंथी आते हैं और जिनकी पहचान उनके उद्देश्य के लिए सही मानी जाती है। फिर आतंकवादी संगठन के लोग ऐसे लोगों से संपर्क करना चाहते हैं। फिर उसके बाद वे उनसे मिलते हैं और अपना काम करवाते हैं।
जस्टिन ट्रूडो ने जिस तरह से खालिस्तान के प्रति अपना प्रेम दिखाया। जिस तरह से उन्होंने कनाडा में खालिस्तानियों को आजादी दी, ये संगठन उसी का फायदा उठा रहे हैं। माना जा रहा है कि खालिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने की कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की रणनीति के कारण कनाडा में जल्द ही कट्टरपंथी मुस्लिम आतंकवाद देखने को मिल सकता है। यही वजह है कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति ट्रंप सत्ता संभालते ही कनाडा पर दबाव बनाना चाहते हैं।
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