डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
संबंधित खबरें
पौष पुत्रदा एकादशी आज, घर के मुख्य द्वार पर कर दिया ये काम तो चमकेंगे भाग्य, नही किया ऐसा तो हो सकता है अशुभ!
Exclusive: सनातन धर्म में हो रहे धर्मांतरण, युवा संस्कृति कैसे बन रही कारण, अटल अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर से जानें वजह
बना ली रोटीयां, तो चकला-बेलन के साथ भूलकर भी न करें ये 4 गलतियां, टूट पड़ेगा दुखों का पहाड़, संभाले नही संभलेंगी समस्याएं!
बस गुड़ का एक टुकड़ा बदल सकता है आपकी जिंदगी, चमकेगी ऐसी किस्मत कि कभी नही छोड़ेंगे ये उपाय!
अघोरीयों का रोंगटे खड़े कर देने वाला रहस्य, शवों के साथ करते हैं ऐसा काम, खाते हैं कच्चा मांस? जानें रहस्य
कैसा बीतेगा वृषभ राशि का साल 2025, टूट सकता है रिशता, झेल पड़ेगी बड़ी मुसिबतें! जानें कैसा रहेगा करियर?
India News (इंडिया न्यूज), Tawayaf Dalipabai: यह कहानी साल 1892 के हिंदुस्तान से शुरू होती है। इलाहाबाद के एक कोठे पर दलीपाबाई नामक एक मशहूर तवायफ थीं, जो अपनी खूबसूरती और गायकी के लिए जानी जाती थीं।
दलीपाबाई की शादी सारंगी वादक मियां जान से हुई। इस शादी से उनके घर जद्दनबाई का जन्म हुआ। जद्दनबाई ने अपनी मां की कला को न केवल अपनाया, बल्कि उसमें नई ऊंचाइयां भी हासिल कीं। वे रंगमंच और गायकी के क्षेत्र में अपनी मां से भी अधिक प्रसिद्ध तवायफ बन गईं।
जद्दनबाई के प्रशंसकों में पंडित नरोत्तमदास का नाम सबसे प्रमुख था। उन्होंने जद्दनबाई से विवाह करने के लिए इस्लाम धर्म स्वीकार किया और नजीर मोहम्मद बन गए। इस विवाह से दोनों को एक पुत्र, अख्तर हुसैन, का जन्म हुआ। हालांकि, कुछ वर्षों बाद नरोत्तमदास ने जद्दनबाई को छोड़ दिया।
नरोत्तमदास के जाने के बाद, जद्दनबाई ने हार्मोनियम वादक उस्ताद इरशाद मीर से शादी की। इस शादी से उन्हें दूसरा पुत्र, अनवर हुसैन, हुआ। लेकिन यह शादी भी लंबे समय तक नहीं चल सकी और दोनों का तलाक हो गया।
तलाक के बाद जद्दनबाई को पंडित मोहनबाबू त्यागी से प्यार हो गया। मोहनबाबू ने भी जद्दनबाई से शादी करने के लिए इस्लाम कबूल किया और अब्दुल रशीद बन गए। इस शादी से जद्दनबाई एक बेटी की मां बनीं। उनकी यह बेटी आगे चलकर बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा नरगिस बनीं।
जद्दनबाई की कहानी भारतीय कला, संघर्ष और परिवार की जटिलताओं का प्रतीक है। उन्होंने न केवल गायकी और रंगमंच में अपनी पहचान बनाई, बल्कि उनकी बेटी नरगिस ने भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। जद्दनबाई का जीवन उन संघर्षों और उपलब्धियों का उदाहरण है, जो भारतीय समाज और कला की गहराई को दर्शाता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.