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धर्म ने वैज्ञानिक शोधों को स्वीकार किया है…'महाकुंभ का महामंच' से स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती का बयान

BY: Poonam Rajput • LAST UPDATED : January 10, 2025, 2:31 pm IST
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धर्म ने वैज्ञानिक शोधों को स्वीकार किया है…'महाकुंभ का महामंच' से स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती का बयान

Maha Kumbh ka Maha Manch 2025

India News (इंडिया न्यूज़),Maha Kumbh ka Maha Manch 2025:  “महाकुंभ का महामंच” 2025 के कार्यक्रम की शुरूआत प्रयागराज में हुई।  “महाकुंभ का महामंच” में बड़े-बड़े साधु-संत पहुंचे। साक्षी महाराज से लेकर  स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती (राष्ट्रीय महासचिव, अखिल भारती संत समिति)  ने भी शिरकत की।  वहीं “महाकुंभ का महामंच” कार्यक्रम में  स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी शिरकत की।  इंडिया न्यूज़ के एंकर राजीव शर्मा ने इस दौरान कई सवाल किए ।
बता दें कि, सबसे पहले दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई। सबसे पहले मंच पर पहुंच कर डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा (चेयरपर्सन, TSG फाउडेशन) ने सभी साधु-संतों के साथ मिलकर कार्यक्रम की शुरूआत की। महाकुंभ का महामंच’ से स्वामी  जितेंद्रानंद सरस्वती  ने बयान दिया है। मंच से उन्होंने क्या कहा चलिए जानते हैं?

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती का मंच से बयान 

इंडिया न्यूज़ के एंकर राजीव शर्मा ने स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती का मंच पर स्वागत किया। स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने मंच से बयान दिया कि,  धर्म ने सभी वैज्ञानिक  शोधों को स्वीकार किया है। सनातन धर्म की इस मान्यता के विपरित किसी के पास कुंभ में मूल स्थान है।इस दौरान उन्होंने कहा कि, क्या दुनिया के किसी सम्प्रदाय के पास स्नान सिद्धात है नहीं है ये केवल सनातऩ धर्म के पास ही है। सिर्फ स्नान का सिद्दांत सनातन धर्म का ही मूल सिद्धांत है और वहीं वैज्ञानिक भी है। स्नान को लेकर उन्होंने कहा कि, सनातन धर्म में ये बहुत पवित्र है।

कौन है स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती?  

स्वामी जीतेंद्रानंद (जन्म 25 फरवरी 1972), जिन्हें आचार्य जीतेंद्र के नाम से भी जाना जाता है, एक धार्मिक नेता, साधु, पर्यावरणविद कार्यकर्ता हैं। वे अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव हैं। वे हिंद-बलोच फोरम के संस्थापक हैं। उन्होंने पूरे भारत में बलूचिस्तान के संघर्ष के लिए कई सेमिनार आयोजित किए हैं। वे पूजा स्थल अधिनियम 1991 के खिलाफ भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पहले धार्मिक याचिकाकर्ता हैं।

प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर

बता दें कि,  प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस बार प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। महाकुंभ पूर्णिमा के दिन शुरू होगा। इस महाकुंभ में 75 देशों के श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे। टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटरों का दावा है कि इस बार अमेरिका के साथ-साथ यूरोप के कई अन्य देशों से भी लोग महाकुंभ 2025 में आने के लिए तैयार हैं। विदेशी नागरिकों ने इसके लिए बुकिंग भी करानी शुरू कर दी है। ऐसे में टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटरों की मौज है।

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