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India News (इंडिया न्यूज), Narendra Modi In Podcast : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार किसी पॉडकास्ट में नजर आए हैं। Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामथ के पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर बात की है। उन्होने इस दौरान मलखंब को लेकर भी बात की।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं अपने पीटी टीचर से इंस्पायर होकर मलखंब सीखता था। उन्होने कहा कि मलखम्भ कुस्ती से जुड़ा है। खासकर महाराष्ट्र में मलखम्भ होता है। उन्होने आगे कहा कि शरीर को सुगठित बनाने के लिए यह उत्तम एक्सरसाइज है। वो एक प्रकार से खम्भे पर करने वाला योग है। तो मैं सुबह पांच बजे उठकर उनके पास चला जाता था और वो भी मेरे पीछे मेहनत करते थे, लेकिन में खिलाडी नहीं बना। मैंने कुछ समय तक यह किया था फिर छोड़ दिया।
मलखंब, एक पारंपरिक भारतीय खेल है, जो शरीर और मस्तिष्क दोनों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह खेल भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न हुआ और इसे जिम्नास्टिक के एक प्रकार के रूप में जाना जाता है, जिसमें खिलाड़ी एक वर्टिकल पोल, बेंत, या रस्सी का उपयोग कर विभिन्न आसनों और कलाबाजियों का अभ्यास करते हैं। इस खेल का नाम “मलखंब” दो शब्दों से लिया गया है, “मल्ला” (कुश्ती) और “खंब” (डंडा), जो पहलवानों पारंपरिक ट्रेनिंग से जुड़ा हुआ है।
मलखंब के तीन प्रमुख संस्करण होते हैं, पोल, बेंत और रस्सी। इन तीनों में खिलाड़ियों को लचीलापन, ताकत, संतुलन और मानसिक ध्यान की आवश्यकता होती है। सबसे आम रूप में, मलखंब पोल से किया जाता है जो आमतौर पर शीशम की लकड़ी से बना होता है और अरंडी के तेल से पॉलिश किया जाता है।
मलखंब के नियम जिम्नास्टिक के करीब होते हैं, और प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को माउंटिंग, एक्रोबेटिक्स, कैच, बैलेंस और डिसमाउंट के आधार पर अंक मिलते हैं। जजों द्वारा हर प्रदर्शन पर अंक दिए जाते हैं और अंत में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाला खिलाड़ी विजेता घोषित होता है।
यह खेल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। यह लचीलेपन, मांसपेशियों की ताकत और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है। साथ ही, यह खेल कुश्ती और जिम्नास्टिक जैसी अन्य गतिविधियों में भी दक्षता बढ़ाने में मदद करता है। मलखंब, न केवल एक खेल है, बल्कि भारतीय पारंपरिक खेलों का हिस्सा है जो आज भी नए खिलाड़ियों को आकर्षित कर रहा है।
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