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इन 5 जातकों के लिए धरती पर ही बना होता है स्वर्ग, इस गहरे राज को पहचान पाना क्यों होता है उनके लिए इतना मुश्किल?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : January 10, 2025, 5:30 pm IST
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इन 5 जातकों के लिए धरती पर ही बना होता है स्वर्ग, इस गहरे राज को पहचान पाना क्यों होता है उनके लिए इतना मुश्किल?

Chanakya Gyan: इन 5 जातकों के लिए धरती पर ही बना होता है स्वर्ग

India News (इंडिया न्यूज), Chanakya Gyan: अपने जीवन में सुख-समृद्धि भला कौन-सा इंसान नहीं चाहता होगा। हर व्यक्ति की ये आशा होती है कि उसे जीवन में खूब सुख-समृद्धि ऐश्वर्य की प्राप्ति हो लेकिन ये सब भी तो उसी के जीवन कर्मो पर निर्भर करता है। इंसान दिन रात कड़ा परिश्रम करता है ताकि वह अपने जीवन को हर सुख के साथ भर सकें और दिन प्रति दिन उसे बेहतर बना सके। इसके अलावा भौतिक सुख-सुविधाओं को पाने के लिए व्यक्ति अनैतिक कार्य करने को भी तैयार हो जाता है, जो उसे प्राप्त भी होते हैं। लेकिन अनैतिक कार्यों से प्राप्त सुख-सुविधाएं अधिक समय तक नहीं टिकतीं। हालांकि, वही एक ओर बुद्धि के दाता आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति को खुश रहने के कुछ अलग तरीके भी बताए हैं। अगर किसी व्यक्ति के पास ये चीजें हैं तो उसके लिए यह धरती स्वर्ग के समान है। उसे मरने के बाद स्वर्ग की चाहत नहीं रहेगी, क्योंकि चाणक्य के अनुसार, स्वर्ग जाने की इच्छा केवल वही लोग रखते हैं जो इस धरती पर दुखी हैं।

चाणक्य नीति में धार्मिक जीवन के कुछ जुरूरी उपाय बताए गए हैं। अगर इंसान इन्हें अपने जीवन में लागू करे, तो यह धरती और आखिरी के स्थान स्वर्ग के समान हो जाएगी।

पहली चीज: काबुल और संस्कारी पुत्र

चाणक्य के मुताबिक, जिस व्यक्ति में बेटा पुत्र काबुल और संस्कारी हो, वैसे इंसान को यह धरती पर ही स्वर्ग की कान्नता मिलती है। यह चीज परिवार की और स्वाभिमान की स्थिति बनाती है, जो अक्षर के प्रीति कार्य समाजन की नाटी है।

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दूसरी चीज: पति-पत्नी की स्वाभिमान

चाणक्य के अनुसार जो स्त्री पति-पत्नी के स्मपर्क के अनुसार काम करती हैं, वैसे उस पति को धरती पर ही स्वर्ग के सूख की प्राप्ति होती है। पति को कोई और चीज की आवश्यकता की जरूरत नहीं होती।

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तीसरी चीज: संतुष्टि के स्वभाव की स्थिति

चाणक्य नीति के अनुसार, जो इंसान को प्र्याप्त धन के साथ संतुष्टि हो, वैसे लोभ-लालच की कुछलता का शिकार नहीं रखते हो, उसे यह धरती और आखिरी के स्थान की कीमती की अनुभूति की जा सकती है।

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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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