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India News (इंडिया न्यूज), Germany General Election: पूर्वी जर्मनी के शहर रीसा में आयोजित एएफडी की बैठक में 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने पार्टी की सह-नेता एलिस वीडेल को आम चुनाव के लिए चांसलर उम्मीदवार चुना। वहीं, आयोजन स्थल के बाहर प्रदर्शनकारियों ने विरोध में नारे लगाए। इसके कारण बैठक दो घंटे की देरी से शुरू हो सकी। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, अगले महीने होने वाले आम चुनाव से पहले जर्मनी में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। चुनाव को लेकर दक्षिणपंथी राजनीतिक पार्टी ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ (एएफडी) का विरोध तेज हो गया है।
शनिवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और दक्षिणपंथी पार्टी के खिलाफ नारे लगाए और नाजियों को ना कहा। इसे लेकर एएफडी नेता वीडेल ने प्रदर्शनकारियों को वामपंथी भीड़ और लाल रंग में रंगे नाजियों बताया। पूर्वी जर्मनी के शहर रीसा में आयोजित एएफडी की बैठक में 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने पार्टी की सह-नेता एलिस वीडेन को आम चुनाव के लिए चांसलर उम्मीदवार चुना इसके चलते बैठक दो घंटे देरी से शुरू हो सकी।
जानकारी के अनुसार, कार्यक्रम में वीडेल ने बाहर एकत्र प्रदर्शनकारियों की निंदा की और उन्हें वामपंथी भीड़ और लाल रंग में रंगे नाजी कहा। उन्होंने जर्मनी के भविष्य की योजना भी पेश की। वीडेल ने कहा कि अगर एएफडी की सरकार बनती है तो पहले 100 दिनों में जर्मनी की सीमाएं पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी। इस दौरान बिना दस्तावेजों के यात्रा करने वालों को देश से वापस भेज दिया जाएगा। अन्य लोगों को भी वापस भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसे फिर से पलायन कहा जाएगा। इसके अलावा वीडेल ने परमाणु ऊर्जा की ओर लौटने और अधिक कोयला बिजली संयंत्र लगाने के साथ ही रूसी गैस के लिए नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन शुरू करने पर जोर दिया।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, जर्मनी में अगले महीने होने वाले आम चुनाव के सर्वे में दक्षिणपंथी एएफडी जनमत सर्वेक्षण में दूसरे स्थान पर है। इसे 20 प्रतिशत लोगों का समर्थन प्राप्त है। जबकि पार्टी ने 22 प्रतिशत समर्थन होने का दावा किया है। जबकि सर्वे में क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) 31 प्रतिशत के साथ आगे है। इसके अलावा जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज की सोशल डेमोक्रेट्स 15 से 14 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है।
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