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India News (इंडिया न्यूज),Bihar News: पूर्णिया के गुलमोहर हॉस्पिटल में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने चिकित्सा जगत की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रौटा थाना क्षेत्र की शहजबी खातून, जो प्रसव के लिए भर्ती थीं, को अस्पताल ने फर्जी तरीके से एचआईवी पॉजिटिव बताकर उनके परिजनों से 2 लाख रुपये की मांग की।
झूठी रिपोर्ट से मचा हड़कंप
डॉक्टर निशहत अफरोज ने हॉस्पिटल की पैथलॉजी रिपोर्ट के आधार पर मरीज को एचआईवी पॉजिटिव बताया। यह सुनकर पूरा परिवार सदमे में चला गया। परिजनों पर न केवल मानसिक आघात पड़ा, बल्कि उन्हें समाज की बातें सहनी पड़ीं। डॉक्टर ने यह भी कहा कि सुरक्षित प्रसव के लिए 2 लाख रुपये जमा करने होंगे।
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दूसरी जांच में निकली सच्चाई
जब परिजनों ने पैसे न होने की वजह से हॉस्पिटल से जांच के लिए बाहर का रुख किया, तो सच्चाई सामने आई। रेड क्रॉस सोसाइटी और अन्य अस्पतालों में की गई जांच में महिला पूरी तरह स्वस्थ पाई गई और एचआईवी निगेटिव का रिजल्ट आया। लगातार तीन रिपोर्ट्स के निगेटिव आने के बाद परिजनों को यह समझने में देर नहीं लगी कि हॉस्पिटल ने सिर्फ पैसे वसूलने के लिए यह झूठी रिपोर्ट दी थी।
परिजनों का आरोप और कार्रवाई की मांग
पीड़ित परिवार ने सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार कनोजिया को लिखित शिकायत देकर डॉक्टर और हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अस्पताल का यह कृत्य न केवल अमानवीय है, बल्कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
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स्वास्थ्य सेवाओं पर गहराया संकट
यह घटना सिर्फ एक महिला का मामला नहीं है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। क्या मरीजों की जिंदगी और भावनाओं के साथ ऐसे खेल खेलना अब सामान्य हो गया है? पूर्णिया के इस मामले ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी पर भी अब उंगलियां उठने लगी हैं।
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