ट्रोलिंग और विवाद
हर्षा रिछारिया ने महाकुंभ में भाग लेने के लिए धर्म और सनातन संस्कृति को जानने का निर्णय लिया था। लेकिन सोशल मीडिया पर उनके वीडियो के वायरल होने के बाद स्थिति बदल गई। कई यूजर्स ने उनकी आध्यात्मिकता को लेकर सवाल उठाए और उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। हर्षा की तस्वीरें, जो पहले पश्चिमी कपड़ों में थीं, सोशल मीडिया पर शेयर की जाने लगीं, और उन्हें “साध्वी बनने की प्रक्रिया” पर तंज कसा जाने लगा। कई यूजर्स ने उनका मजाक उड़ाया, जिससे वह बेहद आहत हुईं।
जिस महाकुंभ में नहाने से मिट जाते है सभी पाप, उस ही कुंभ में स्नान करना कब बन सकता है जानलेवा?
हर्षा की प्रतिक्रिया
ट्रोलिंग से दुखी हर्षा कैमरे पर फफक पड़ीं और उन्होंने एक न्यूज आउटलेट को दिए इंटरव्यू में अपनी परेशानी व्यक्त की। उन्होंने कहा, “शर्म आनी चाहिए कि एक लड़की जो धर्म से जुड़ने के लिए आई थी, धर्म को जानने के लिए आई थी, सनातन संस्कृति को जानने के लिए आई थी, उसे इस तरह से तंग किया जा रहा है। मैंने कोई गलती नहीं की है, फिर भी मुझे इस तरह टारगेट किया जा रहा है। मुझे ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैंने कोई गुनाह किया हो।”
हर्षा ने कहा कि वह महाकुंभ में रुकने की मंशा से आई थीं, लेकिन अब एक कमरे में बंद होकर रहने से अच्छा है कि वह वहां से चली जाएं। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि उन्हें इस दौरान धर्म और संस्कृति से जुड़ने का मौका नहीं मिला और इस अनुभव को पूरी तरह से जीने का अवसर छिन गया।
वायरल इंटरव्यू और प्रतिक्रिया
यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक यूट्यूबर द्वारा लिया गया हर्षा रिछारिया का इंटरव्यू वायरल हुआ। इसमें हर्षा ने दावा किया था कि वह पिछले दो सालों से साध्वी के तौर पर रह रही हैं। हालांकि, वायरल इंटरव्यू के बाद हर्षा ने खुद स्पष्ट किया कि वह अभी साध्वी नहीं बनी हैं, बल्कि वह साध्वी बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। लेकिन फिर भी सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग जारी रही, जिससे हर्षा का मन आहत हुआ और उन्होंने महाकुंभ से लौटने का निर्णय लिया।
हर्षा रिछारिया की यह स्थिति इस बात का उदाहरण है कि सोशल मीडिया की ट्रोलिंग और नफरत किस हद तक व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। हर्षा ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की थी, लेकिन ट्रोलिंग और गलतफहमियों के कारण उनका अनुभव उतना सुखद नहीं रहा। उम्मीद है कि लोग इस मामले से सीखेंगे और दूसरों के प्रयासों और यात्रा का सम्मान करेंगे, बजाय इसके कि उन्हें ट्रोल किया जाए।