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India News (इंडिया न्यूज),Bihar CM Nitish Kumar son:बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसको लेकर प्रदेश में सभी दलों की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस समय ‘प्रगति यात्रा’ पर हैं, ऐसे में राजनीति और मीडिया से दूर रहने वाले उनके बेटे निशांत कुमार ने अपने पिता के लिए बड़ी अपील की है। वह लोगों से 2025 में फिर से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने की अपील कर रहे हैं।शुक्रवार (17 जनवरी) को उन्होंने मीडिया से कहा, “अगर संभव हो तो आप सभी लोग पापा को, उनकी पार्टी को वोट दें और उन्हें वापस लाएं।” जिसके बाद से हर तरफ सीएम नीतीश के बेटे निशांत कुमार की चर्चा हो रही है। तो चलिए जानते है कि इतने बड़े दिग्गज पॉलिटिशियन का राजनीति से दूर क्यों हैं और क्या करता है ?
20 जुलाई 1975 को जन्मे निशांत कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इकलौते बेटे हैं। जहां उनके पिता भारतीय राजनीति में एक जानी-मानी हस्ती हैं, वहीं निशांत ने शांत जीवन जीने का विकल्प चुना है। निशांत ऐसे परिवार से आते हैं, जिसने बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत अब 49 साल के हो चुके हैं। 49 साल की उम्र में भी निशांत कुंवारे हैं। पिता की राजनीतिक विरासत से जुड़े होने के बावजूद निशांत ने एक अलग ही जीवन जिया है।
निशांत की मां मंजू सिन्हा एक स्कूल टीचर थीं, जिनका 2007 में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। जिसके बाद निशांत अकेले हो गए।निशांत ने पटना के सेंट कैरेंस स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा शुरू की, लेकिन एक टीचर ने उन्हें मारा और गंभीर रूप से घायल कर दिया। अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंतित नीतीश कुमार ने निशांत को दूसरे स्कूल में भेजने का फैसला किया। इसके चलते निशांत को मसूरी के मानव भारती इंडिया इंटरनेशनल स्कूल में दाखिला मिल गया, जो उत्तराखंड की पहाड़ियों में स्थित एक बोर्डिंग स्कूल है। अपने पिता नीतीश की तरह निशांत भी पेशे से इंजीनियर हैं। उन्होंने रांची के प्रतिष्ठित बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) मेसरा से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में स्नातक किया।
निशांत कुमार को आध्यात्म से बहुत लगाव है। निशांत अपना ज़्यादातर समय यहीं बिताते हैं। निशांत ने आध्यात्म का रास्ता चुना है और उन्हें राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। और शायद शादी में भी नहीं। इसीलिए उन्होंने अभी तक शादी नहीं की है।उन्हें मीडिया के सामने कम ही नजर आते हैं। पिछले साल जब वे इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने पटना के बाजार गए थे, तब वे मीडिया से रूबरू हुए थे। उस वक्त भी उन्होंने राजनीति पर कुछ नहीं कहा था। उन्होंने कहा था कि वे भजन सुनने के लिए स्पीकर खरीदने आए थे।
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