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अब तक की सबसे बड़ी साइलेंट किलर बनी ये बीमारी…अंदर तक से पैरों को देती है छेद, इलाज में हो जाए देरी तो सीधा कटता है पैर, नाम से बेखबर लोग!

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : January 19, 2025, 3:00 pm IST
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अब तक की सबसे बड़ी साइलेंट किलर बनी ये बीमारी…अंदर तक से पैरों को देती है छेद, इलाज में हो जाए देरी तो सीधा कटता है पैर, नाम से बेखबर लोग!

Peripheral Artery Disease: अब तक की सबसे बड़ी साइलेंट किलर बनी ये बीमारी इलाज में हो जाए देरी तो सीधा कटता है पैर

India News(इंडिया न्यूज), Peripheral Artery Disease: पैर की धमनी रोग (Peripheral Artery Disease, PAD) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो पैरों में रक्त प्रवाह को प्रभावित करती है। यह स्थिति केवल पैरों में ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर की स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो यह पैर काटने तक की नौबत ला सकती है। इस बीमारी के लक्षणों का समय रहते पता चलना और इलाज करवाना न केवल जीवन बचा सकता है, बल्कि मरीज के लिए बहुत बड़ी राहत भी प्रदान कर सकता है।

क्या है पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD)?

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) में पैरों की रक्त वाहिकाओं में संकुचन हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आ जाती है। यह वही प्रक्रिया है जो दिल की बीमारी (Coronary Artery Disease) का कारण बनती है। जब रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं, तो पैरों में दर्द, घाव, सूजन और कभी-कभी गैंग्रीन (infected tissue death) जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह स्थिति विशेष रूप से 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में अधिक देखने को मिलती है और अगर व्यक्ति डायबिटीज़ से ग्रस्त है, तो इसका खतरा और भी बढ़ जाता है।

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पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के लक्षण

इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों में पैरों में चलने के दौरान दर्द या ऐंठन महसूस होना शामिल है, जिसे इंटरमिटेंट क्लॉडिकेशन कहा जाता है। यह दर्द तब होता है जब पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। समय रहते इस समस्या का इलाज किया जा सकता है, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है। जैसे-जैसे यह रोग बढ़ता है, मरीज को ऑपरेशन या पैर की अंगुली को काटने की आवश्यकता भी हो सकती है।

क्यों महत्वपूर्ण है जल्दी इलाज?

हाल ही में ग्लेनफील्ड अस्पताल, लेस्टर में एक अध्ययन हुआ जिसमें यह पाया गया कि यदि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का इलाज जल्दी किया जाए, तो पैर को बचाने का खतरा आधा हो सकता है। अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ कि जितना जल्दी इलाज होगा, उतना ही पैर बचाने का खतरा कम होगा। यदि इलाज में देरी होती है, तो पैरों में रक्त प्रवाह पूरी तरह से रुक सकता है, जिससे गैंग्रीन और अन्य जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से बचाव के उपाय

इस शोध ने यह भी साबित किया है कि समय पर इलाज न केवल रोगी के लिए राहत का कारण बन सकता है, बल्कि यह जीवन बचाने में भी मदद कर सकता है। इस रोग के इलाज में समय की अहमियत है। यदि रोगी किसी भी असामान्य लक्षण, जैसे पैरों में दर्द, घाव या काले निशान, को जल्दी पहचानते हैं और डॉक्टर से संपर्क करते हैं, तो रोग को गंभीर स्थिति तक पहुंचने से रोका जा सकता है।

इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है।

  1. धूम्रपान से बचें: धूम्रपान से रक्त वाहिकाएं संकुचित होती हैं, जिससे PAD की स्थिति और खराब हो सकती है।
  2. नियमित व्यायाम करें: व्यायाम रक्त प्रवाह को सुधारता है और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  3. डायबिटीज़ को नियंत्रित रखें: अगर आपको डायबिटीज़ है, तो अपने शुगर लेवल को नियंत्रित रखना जरूरी है क्योंकि यह PAD के विकास को बढ़ावा देता है।
  4. सही आहार लें: संतुलित आहार और हेल्दी जीवनशैली से रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखा जा सकता है।

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पेरिफेरल आर्टरी डिजीज एक गंभीर स्थिति है, जिसका इलाज समय रहते किया जाना चाहिए। अगर इसका इलाज जल्दी नहीं किया गया, तो यह गंभीर रूप से पैरों को प्रभावित कर सकता है, और कभी-कभी पैर काटने की नौबत भी आ सकती है। ग्लेनफील्ड अस्पताल के अध्ययन से यह सिद्ध हुआ है कि जल्दी इलाज से पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के मरीजों के लिए पैर बचाने की संभावना 57 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। इसलिए, यदि आपको पैरों में दर्द, घाव या काले निशान जैसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वस्थ जीवनशैली और समय पर इलाज से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है और गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।

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Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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