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India News(इंडिया न्यूज)Delhi assembly election 2025: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 25 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। लेकिन उसे अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (आप) से चुनौतियों का पहाड़ खड़ा करना पड़ रहा है। आप सरकार में मुफ्त बिजली-पानी, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की वजह से मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग लगातार आम आदमी पार्टी का समर्थन करता रहा है। इस बार भाजपा ने भी अपने घोषणापत्र के पहले हिस्से में आप सरकार की योजनाओं के समकक्ष कई योजनाओं का ऐलान किया है। लेकिन इसकी क्या गारंटी है कि मतदाता अपना मन बदल लेंगे? इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बड़ी जिम्मेदारी है। कहा जा रहा है कि भाजपा दिल्ली में योगी आदित्यनाथ की आठ सभाएं कराने जा रही है।
दिल्ली की कई विधानसभा सीटों पर पूर्वी क्षेत्र के मतदाताओं का दबदबा है। योगी आदित्यनाथ की रैलियां पूर्वी क्षेत्र के उन मतदाताओं का मन बदलने में मददगार साबित हो सकती हैं। योगी हिंदुत्व और सनातन संस्कृति पर अपने आक्रामक रुख के लिए जाने जाते हैं। अरविंद केजरीवाल खुद को हनुमान भक्त कहते हैं। उन्होंने इस चुनाव में पुजारियों को 18,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने का भी वादा किया है। इसका असर हिंदू वोटों पर पड़ सकता है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ की अपील बीजेपी की नैया पार लगा सकती है।
वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चुनाव प्रचार जमीनी स्तर पर असर डालता है। यह तिकड़ी आखिरी समय में जनता का मूड बदलने की क्षमता रखती है। वैसे भी प्रयागराज के भव्य महाकुंभ के लिए कड़े इंतजाम करके योगी आदित्यनाथ ने हिंदुओं के दिलों में और भी खास जगह बना ली है। महाकुंभ 5 जनवरी को दिल्ली में होने वाले मतदान तक जारी रहेगा। योगी की अपील का उन लोगों पर खास असर होगा जो महाकुंभ का हिस्सा रहे हैं और इसकी भव्यता की कहानियां सुन चुके हैं।
योगी आदित्यनाथ की रैलियों को न सिर्फ मुख्यधारा के मीडिया में बल्कि सोशल मीडिया पर भी जोर-शोर से कवर किया जाता है। उनके बयानों पर बहस शुरू हो जाती है। ऐसे में मतदाताओं के बीच भाजपा के पक्ष में नैरेटिव मजबूत होने लगता है। वहीं योगी के भाषणों से भाजपा कार्यकर्ताओं में भी जोश भर जाता है और कार्यकर्ता और भी मजबूती के साथ प्रचार में जुट जाते हैं। योगी की अपील पर भाजपा के मध्यम वर्ग के मतदाता अपना आलस्य छोड़कर मतदान करने बूथ पर आ सकते हैं।
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